भारतीय ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि कप्तान बनाये जाने की घोषणा से उन्हें हैरानी हुई लेकिन वह आगामी ओलंपिक टेस्ट टूर्नामेंट में मिलने वाली चुनौती से निटपने के लिये तैयार हैं। नियमित कप्तान मनप्रीत सिंह की अनुपस्थिति में हरमनप्रीत 17 अगस्त से शुरू होने वाली इस टेस्ट प्रतियोगिता में टीम की कमान संभालेंगे जिसमें भारत के अलावा मलेशिया, न्यूजीलैंड और मेजबान जापान की टीमें शिरकत करेंगी।
हरमनप्रीत 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा, ‘‘जब मुझे बताया गया कि मैं टीम की अगुआई करूंगा तो यह मेरे लिये हैरानी भरा था। यह एक सम्मान और बड़ी जिम्मेदारी है। मैं उत्साहित हूं और इस चुनौती को बखूबी निभाने के लिये तैयार हूं।’’ वह 2016 रियो ओलंपिक में खेलने वाली भारतीय टीम के सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक थे और उन्होंने इस महासमर से कुछ महीने पहले लंदन में हुई एफआईएच चैम्पिंयस ट्राफी में यादगार प्रदर्शन से टीम में स्थान सुनिश्चित किया था। भारत ने 2016 एफआईएच चैम्पियंस ट्राफी में ऐतिहासिक रजत पदक जीता था और हरमनप्रीत को ‘टूर्नामेंट का उभरता हुआ खिलाड़ी’ चुना गया था। उन्होंने कहा, ‘जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि मैं ऐसे समय में भारतीय टीम में आया जब इसमें दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे जिनसे मैं काफी कुछ सीख सकता था। सरदार सिंह और वी आर रघुनाथ जैसे खिलाड़ियों का मेरे ऊपर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और उनके मार्गदर्शन से मुझे अंतरराष्ट्रीय हाकी के दबाव से उबरने में मदद मिली।’