भारतीय टीम के पूर्व कोच और कपिल देव की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य अंशुमन गायकवाड़ ने कहा कि वे नये मुख्य कोच को नियुक्त करने में किसी तरह का पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाएंगे। कपिल की अगुवाई वाली समिति में शांता रंगास्वामी तीसरी सदस्य हैं। मुख्य कोच और सहयोगी स्टाफ के लिये आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि मंगलवार को समाप्त हो गयी है। वर्तमान कोच रवि शास्त्री का कार्यकाल विश्वकप 2019 को समाप्त हो गया था लेकिन उनका कार्यकाल 45 दिन तक बढ़ा दिया है।
कप्तान विराट कोहली पहले ही उन्हें पद पर बनाये रखने का पक्ष ले चुके हैं। गायकवाड़ ने कहा, ‘कोहली या कोई अन्य क्या कहता है इसका कोई मतलब नहीं है।’ उन्होंने कहा कि समिति ने पिछले साल भी डब्ल्यूवी रमन को भारतीय महिला टीम का कोच नियुक्त करने के लिये किसी से मशविरा नहीं किया था। गायकवाड़ ने कहा, ‘अगर आपको महिला टीम के कोच की नियुक्ति याद होगी तो काफी विवाद हुआ था लेकिन हमने किसी से राय नहीं ली थी।’ उन्होंने कहा, ‘कोहली या शास्त्री जो भी कहें हम बीसीसीआई के अनुसार चलेंगे। कोहली से संवाददाता सम्मेलन में अपनी प्राथमिकता बताने के लिये कहा गया और उन्होंने रवि शास्त्री का नाम लिया। हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है। हम तटस्थ हैं और हम खुले दिमाग से चयन प्रक्रिया में भाग लेंगे।’ गायकवाड़ ने कहा कि 3 सदस्यीय समिति कोच चयन पर बीसीसीआई के दिशानिर्देशों का इंतजार कर रही है और उन्होंने अभी तक आपस में इस पर बात नहीं की है। उन्होंने कहा, ‘हम दिशानिर्देशों के अनुसार काम करेंगे। हम इसका इंतजार कर रहे हैं। मैं पहले कोच रहा हूं और कपिल भी। महत्वपूर्ण चीज मानव प्रबंधन, रणनीति बनाना और तकनीकी दक्षता होती है। किसी भी कोच की सफलता के लिये ये तीन चीजें अहम होती है। हम तीनों ने अभी आपस में बात नहीं की है। हमें नहीं पता कि बैठक कब होगी। इसलिए इंतजार करिये।’ गायकवाड़ ने हाल में टिप्पणी की थी कि शास्त्री अच्छा कर रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘सभी ने हमारा प्रदर्शन देखा और विश्व कप में क्या हुआ सभी को पता है। सीएसी सदस्य के तौर पर मैं कोई राय नहीं देना चाहता हूं। इस समय में मैं उनके प्रदर्शन पर टिप्पणी करके कोई विवाद पैदा नहीं करना चाहता हूं।’
पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद के लिए दावेदारी पेश की है। राजपूत अभी जिंबाब्वे क्रिकेट टीम के कोच हैं लेकिन आईसीसी के सरकारी हस्तक्षेप के कारण जिंबाब्वे क्रिकेट को निलंबित करने के बाद उन्होंने भारत का मुख्य कोच बनने में रुचि दिखाई है। पता चला है कि दक्षिण अफ्रीका में 2007 में पहला टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर रहे राजपूत ने बीसीसीआई को निर्धारित समय सीमा खत्म होने से पूर्व दुबई हवाई अड्डे से आवेदन भेजा जब वह कनाडा जा रहे थे। राजपूत के करीबी सूत्र ने बताया है कि राजपूत ने मुख्य कोच के लिए अपने नाम पर विचार नहीं होने की स्थिति में बीसीसीआई से आग्रह किया है कि बल्लेबाजी कोच के लिए उनके नाम पर विचार किया जाए।