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अंग्रेजों के खिलाफ धांसू शतक ठोक धोनी को पीछे छोड़ा
खेलपथ संवाद
लीड्स। ऋषभ पंत टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए। पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन कैरियर का सातवां टेस्ट शतक लगाकर महेंद्र सिंह धोनी को पछाड़ा। पंत ने भारतीय पारी के सौवें ओवर की पहली गेंद पर शोएब बशीर को छक्का लगाकर इस आंकड़े को छुआ। यह सितंबर 2024 के बाद उनका पहला शतक है जब उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 109 रन बनाये थे। धोनी ने 90 टेस्ट में 4876 रन बनाये जिसमें छह शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं।
पंत ने इस पारी के साथ ही 3000 टेस्ट रन भी पूरे किये। वह 44 टेस्ट में करीब 44 की औसत से 15 अर्धशतक भी लगा चुके हैं। इस सूची में तीसरा नाम रिधिमान साहा का है जिन्होंने दो शतक लगाये हैं। सैयद किरमानी और फारूख इंजीनियर ने भी दो दो टेस्ट शतक लगाये हैं जबकि नयन मोंगिया के नाम एक टेस्ट शतक है।
बचपन के कोच ने खोले पंत की मेहनत के राज
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया दौरे में खराब शॉट खेल कर अपना विकेट गंवाने वाले ऋषभ पंत ने इसके बाद अपनी रक्षात्मक तकनीक पर जमकर काम किया, जिसका परिणाम यह रहा कि वह इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में चल रहे पहले टेस्ट मैच में ही शतक जड़ने में सफल रहे। यह खुलासा उनके बचपन के कोच देवेंद्र शर्मा ने किया।
शर्मा ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में असफल होने के बाद उन्होंने अपनी रक्षात्मक तकनीक में काफी बदलाव किए और अपने स्ट्रोक पर लगाम कसी जो आपने इस मैच में भी देखा होगा। पंत मैच विजेता हैं। इंग्लैंड जाने से पहले हमने उनके डिफेंस पर चर्चा की थी, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया दौरा अच्छा नहीं रहा था। हमने तय किया कि वह कम स्ट्रोक खेलेंगे और अपना विकेट बचाए रखने पर अधिक ध्यान देंगे। इंग्लैंड की परिस्थितियां अलग हैं, वहां गेंद को अधिक मूवमेंट मिलता है।
पंत ने भारत की पहली पारी में 134 रन बनाए जो उनका सातवां टेस्ट शतक है। इस तरह से वह टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक शतक लगाने वाले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को पीछे छोड़कर यह रिकॉर्ड बनाया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने इंग्लैंड के पिछले दौरे में भी एक शतक लगाया था।
शर्मा ने कहा कि उन्होंने पिछले दौर में भी इंग्लैंड में शतक बनाया था। बल्लेबाजी में उनका नंबर काफी पीछे आता है। इससे उन्हें तैयार होने के लिए काफी समय मिल जाता है। यही सब कारण हैं जिससे वह इंग्लैंड में सफल रहे हैं। मध्यक्रम में खेलने से उन्हें फायदा मिलता है। पंत ने अपनी इस पारी के दौरान टेस्ट क्रिकेट में 3000 रन भी पूरे किए।
उन्हें सीमित ओवरों की क्रिकेट में पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं, लेकिन शर्मा उन्हें तीनों प्रारूप का खिलाड़ी मानते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऋषभ एक ऐसा खिलाड़ी है जो तीनों प्रारूपों में खेल सकता है। वह अभी (टी20) टीम में नहीं है, लेकिन मेरा मानना है कि वह आईपीएल में अपनी असफलता के बाद वापसी करेगा। अगर आप अच्छे खिलाड़ी हैं, तो आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे।