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वाडा के डोपिंग आंकड़ों ने देश की मुश्किलें बढ़ाईं
खेल मंत्रालय ला सकता है संशोधित डोपिंग रोधी अधिनियम
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारत में डोपिंग की समस्या एक बार फिर सामने आ गई है। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के 2023 के परीक्षण आंकड़ों में भारत 5,000 या उससे अधिक नमूनों का विश्लेषण करने वाले देशों में शीर्ष पर रहा है। हालांकि, खेल मंत्रालय ने युद्धस्तर पर इससे निपटने और वाडा की आपत्तियों के समाधान के बाद संशोधित डोपिंग रोधी अधिनियम जल्दी लाने का वादा किया है।
प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन में पॉजिटिव पाए जाने की भारत की दर 3.8 प्रतिशत रही और 5606 नमूनों से 214 प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष (एएएफ) मिले। नमूनों की संख्या 2022 से काफी अधिक थी जब 3865 परीक्षणों की 3.2 प्रतिशत एएएफ दर थी।
इन 5606 टेस्ट में से 2748 प्रतिस्पर्धा के दौरान किये गए। भारत के पॉजिटिव नतीजों की दर चीन (28197 नमूने, 0.2 प्रतिशत एएएफ दर), अमेरिका (6798 नमूने, 1.0 प्रतिशत एएएफ दर), फ्रांस (11368 नमूने, 0.9 प्रतिशत एएएफ दर) और रूस (10395 नमूने, 1.0 एएएफ दर) से अधिक है। भारत के 214 के मुकाबले एएएफ में फ्रांस (105), रूस (99), अमेरिका (66), चीन (60) और जर्मनी (57) पीछे रहे।
वैश्विक स्तर पर 2023 में 204,809 परीक्षण किए गए, जिनमें से 1820 प्रतिबंधित दवाओं के लिए सकारात्मक आए, जबकि भारत का हिस्सा 214 था जो डोप टेस्ट में नाकाम रहे कुल खिलाड़ियों की संख्या का 11 प्रतिशत से अधिक है। यह आंकड़ा किसी भी देश के लिए सबसे अधिक है।
सूत्र ने कहा कि खेल मंत्रालय युद्धस्तर पर इससे निपटेगा। हम मासिक तौर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे। इसके अलावा दवाओं और पोषक आहार सप्लीमेंट की गांधीनगर और दिल्ली में विशेष लैब में जांच होगी। वहां से हरी झंडी मिलने पर ही खिलाड़ी उनका सेवन करेंगे। अधिकांश समय खिलाड़ी जानकारी के अभाव में या सरकारी नौकरी पाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने की ललक में डोपिंग की चपेट में आ जाते हैं। हम उन्हें यह समझाएंगे कि डोपिंग निरोधक नियमों का पालन नहीं करने पर वे अधिक नुकसान में रहेंगे।