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बिहारी खिलाड़ियों ने सात स्वर्ण सहित जीते 36 पदक
खेलपथ संवाद
पटना। बिहार में पहली बार चार मई से शुरू हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आज समापन हो रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस महासमर का शुभारंभ किया था और खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन की शुभकामना दी थी। खास बात यह रही है कि बिहार के खिलाड़ियों ने अलग-अलग खेलों में शानदार प्रदर्शन किया और कुछ 36 मेडल अपने नाम किए। इनमें सात गोल्ड, 11 सिल्वर और 18 ब्राॅन्ज मेडल शामिल हैं।
बिहार के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमाई। हालांकि अंक तालिका में बिहार 14वें स्थान से ऊपर रहा लेकिन, सभी लोगों ने बिहार के खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को जमकर सराहा। चौंकाने वाली बात यह रही कि कुछ दिन पहले जिस खेल का बिहार में वर्ल्डकप खेला गया था, उसमें भी यहां के खिलाड़ियों ने गोल्ड जीता। सेपकटकरा में बिहार ने एक गोल्ड अपने नाम किया। वहीं रग्बी, थांग-टा और एथलेटिक्स में दो-दो गोल्ड बिहार के हिस्से में आए।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के डीजी रवीन्द्रण शंकरण ने कहा कि हम लोगों के गर्व की बात है कि यहां पर खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन हुआ। बिहार के खिलाड़ियों ने इस बार इतिहास रच दिया। चार साल की मेहनत रंग लाई और हम लोगों ने कई मेडल जीते। हर खेल के विशेषज्ञ कोच से खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दिलाई गई। विदेश कोच की भी मदद ली गई। आने वाले दिनों में बिहार के खिलाड़ी और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
जानिए किस साल बिहार को कितने मेडल मिले
साल 2018 से अब तक बिहार के खिलाड़ियों ने कुल 65 मेडल अपने नाम किए। इसमें 12 गोल्ड शामिल हैं। साल 2018 में बिहार ने महज एक मेडल जीता था। तब बिहार अंक तालिका में 28वें नम्बर पर आया था। 2019 में बिहार ने पांच, 2020 में नौ, 2021 में दो, 2022 में सात, 2023 में पांच और 2025 में 36 मेडल अपने नाम किए। बता दें कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स, 2025 की पदक तालिका में देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में बिहार कुल तीन दर्जन पदकों, जिनमें सात स्वर्ण, 11 रजत और 18 कांस्य पदक शामिल हैं, के साथ 14वें स्थान पर है यानी बिहार ने पदकों की संख्या में 620 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज कर ली है।
बिहार की इन उपलब्धियों पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविन्द्रण शंकरण कहते हैं, यह बिहार है। हम इतिहास लिखते नहीं रचते हैं। हमारे प्रतिभावान खिलाड़ियों ने सपनों को नए पंख दिए हैं। यह पिछले चार वर्षों की मेहनत का नतीजा है। खेल के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों से खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दिलाई गई। यहां तक कि विदेशी कोच भी बुलाए गए हैं। इसके लिए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को रजिस्टर्ड किया गया और राज्य सरकार ने खेल विभाग का गठन किया। हमारे खिलड़ियों ने भी खूब मेहनत की है, जिससे उनका प्रदर्शन दिनोंदिन निखरता चला गया।