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खेलो इंडिया यूथ गेम्सः यूपी की लड़कियों को 41-24 से हराया
खेलपथ संवाद
राजगीर। बिहार के राजगीर में खेलो इंडिया यूथ गेम्स की कबड्डी स्पर्धा में हरियाणा के लड़कों और लड़कियों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किए। उत्तर प्रदेश की लड़कियों को कबड्डी में सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।
बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के इंडोर हॉल में गुरुवार को हरियाणा ने लड़के और लड़कियों दोनों वर्गों में कबड्डी में अपना दबदबा दिखाया। हरियाणा ने अंडर-18 लड़कों के कबड्डी फाइनल में महाराष्ट्र को जोरदार मुकाबले में 39-28 से हराया। हरियाणा के रेडर प्रिंस दहिया, ईशांत और निखिल ने शानदार रेड्स के जरिए टीम को बहुमूल्य अंक दिलाए और जीत में अहम भूमिका निभायी। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों राजस्थान और आंध्र प्रदेश को कांस्य पदक के साथ संतोष करना पड़ा।
हरियाणा ने अपने खिताब बचाओ अभियान की शुरुआत कर्नाटक को 58-31 से हराकर की। इसके बाद आंध्र प्रदेश को 37-28 और छत्तीसगढ़ को 55-30 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। फिर राजस्थान को 40-38 से हराकर फाइनल में जगह बनायी। हरियाणा राज्य का कबड्डी में दबदबा प्रो कबड्डी लीग की लोकप्रियता से प्रेरित है, जिसमें उसके कई खिलाड़ी खेलते हैं। हरियाणा के कप्तान जय हिंद ने बताया कि उन्हें देश के लिए पदक जीतने की प्रेरणा राज्य के प्रो कबड्डी सितारों प्रदीप नरवाल, दीपक निवास हुड्डा, मोहित चिल्लर और मोनू गोयत से मिली है।
गोल्ड जीतने के इरादे से यहां आये चाहे मैं हूं या छोटे बच्चे, हम सबने इन्हीं से प्रेरणा लेकर कबड्डी को करियर के रूप में चुना। उन्होंने देश के लिए पहले ही पदक जीते हैं, इससे हमें भरोसा मिलता है कि हम भी मेहनत करके ऐसा कर सकते हैं। हम खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सिर्फ गोल्ड जीतने के इरादे से आये थे।
खेलो इंडिया जैसे मंच से हम अपने टैलेंट और स्किल्स दिखाकर करियर में बड़ी छलांग लगा सकते हैं। हरियाणा के कप्तान जय हिंद ने बताया कि भारत सरकार खेलों के लिए बहुत कुछ कर रही है। हमें एनसीओई गांधीनगर में मुफ्त कोचिंग, ट्रेनिंग सुविधाएं, स्पोर्ट्स किट, रहना-खाना सब मिलता है। इससे हम अपने प्रदर्शन पर पूरा ध्यान दे पाते हैं।
18 वर्षीय जय हिंद के पिता बिजेंद्र लाठर जागलान, जींद जिले के लाजवाना गांव के किसान हैं। 2022 हांगझो एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम में हरियाणा के चार खिलाड़ी प्रवेश भैंसवाल, नवीन कुमार, सुनील कुमार और नितिन रावल शामिल थे। 2018 जकार्ता-पालेमबांग एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में भी छह खिलाड़ी मोनू गोयत, रोहित कुमार, प्रदीप नरवाल, संदीप नरवाल, दीपक निवास हुड्डा और मोहित चिल्लर हरियाणा से थे।
हरियाणा के एक और खिलाड़ी निखिल गुलिया (17 वर्ष) भी प्रो कबड्डी लीग में खेलने का सपना देखते हैं। निखिल, जो पानीपत जिले के गुढ़साम गांव से हैं, अप्रैल 2024 से जयपुर के एसएआई सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे हैं। वह कहते हैं कि मैं प्रो कबड्डी देखकर मोटिवेट होता हूं। प्रदीप नरवाल, राहुल चौधरी जैसे खिलाड़ी हमारे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं। मेरा सपना है कि मैं भारत का प्रतिनिधित्व करूं और प्रो कबड्डी में नाम कमाऊं।
हरियाणा के मुख्य कोच नरेंद्र राणा ने कहा कि राज्य पारंपरिक रूप से बॉक्सिंग और कुश्ती जैसे सम्पर्क खेलों में मजबूत रहा है, लेकिन खेलो इंडिया और प्रो कबड्डी लीग की लोकप्रियता ने कबड्डी में उनकी हालिया प्रगति में अहम भूमिका निभायी है। हरियाणा हमेशा खेलों में अग्रणी रहा। राज्य सरकार की नीतियां अलग हैं और उन्होंने राज्य में खेलों को बढ़ावा दिया है। भारतीय खेल प्राधिकरण ने हमारे खिलाड़ियों को हमेशा समर्थन दिया है और आप देख सकते हैं कि हमारी राष्ट्रीय टीम का 50-60% हिस्सा हरियाणा के खिलाड़ी होते हैं। प्रो कबड्डी लीग की लगभग हर टीम में हमारे खिलाड़ी मौजूद हैं। खेलो इंडिया और एसआई सेंटरों व एनसीओई के जरिए कबड्डी खिलाड़ियों को अच्छा समर्थन मिल रहा है।
हरियाणा की अंडर-18 लड़कियों की टीम ने फाइनल में उत्तर प्रदेश को 41-24 से हराकर खिताब जीता। उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत पंजाब के खिलाफ 33-32 की कड़ी जीत से की थी। छत्तीसगढ़ के खिलाफ उन्होंने 36-23 से जीत दर्ज की, फिर राजस्थान को 43-29 से हराकर सेमीफाइनल में पहुंची और वहां तमिलनाडु को 16 अंकों से हराया। अर्पिता और सोनम ने पूरे टूर्नामेंट में टीम के शानदार प्रदर्शन में अहम भूमिका निभायी।
अंडर-18 लड़कियों की कबड्डी प्रतियोगिता में हारने वाली सेमीफाइनलिस्ट टीमें तमिलनाडु और पंजाब कांस्य पदक की हकदार बनीं। श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार, इंजीनियर रवि शंकर प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष, जिला कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, नितिन कुमार जायसवाल, उपनिदेशक, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नरेंद्र कुमार उज्जवल, उपनिदेशक, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा कबड्डी प्रतियोगिता में सभी विजेता-उपविजेता खिलाड़ियों को मेडल एवं गजसिंहभा प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।