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प्री-ग्रीष्मकालीन शिविर में सेवा के लिए मिलेगा 6 हजार रुपये मानदेय
खेलपथ संवाद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के समग्र विकास के लिए प्री-ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैम्प) आयोजित करने का निर्णय लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, प्रदेश के सभी परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों (कक्षा 6 से 8) में 21 मई से 15 जून 2025 तक समर कैम्प का आयोजन होगा। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल का विकास करना है।
समर कैम्प के बहाने सरकार ने समग्र शिक्षा और बुनियादी शिक्षा के तहत कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों और शिक्षामित्रों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविरों के आयोजन के लिए एक वित्तीय योजना का प्रस्ताव किया है। इस योजना के तहत, सरकार ने इन शिविरों के लिए कुल 10058.76 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया है।
इस योजना के तहत, सरकार ने 1,42,929 शिक्षामित्रों के लिए 8575.74 करोड़ रुपये के व्यय का प्रस्ताव किया है। प्रत्येक शिक्षामित्र को मासिक मानदेय के रूप में 10,000 रुपये मिलते हैं। समर कैम्प में सेवा देने पर उन्हें छह हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। इसी क्रम में सरकार ने 24,717 अंशकालिक अनुदेशकों के लिए 1483.02 करोड़ रुपये के व्यय का प्रस्ताव किया है। प्रत्येक अंशकालिक अनुदेशक को मासिक मानदेय के रूप में 9,000 रुपये मिलते हैं। समर कैम्प में सेवा देने पर उन्हें छह हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी।
समर कैम्प प्रतिदिन प्रातः 7:30 से 10:30 बजे तक आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 03 घंटे की अवधि होगी। इस दौरान योग, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियां, डिजिटल कौशल, पर्यावरण संरक्षण और विज्ञान आधारित प्रयोग जैसे रोचक कार्यक्रम शामिल होंगे। कैम्प में बच्चों के लिए पूरक पोषण (जैसे गुड़, सिवई, लड्डू आदि) की व्यवस्था भी की जाएगी, जिसके लिए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
समर कैम्प का मुख्य उद्देश्य बच्चों को गर्मियों के अवकाश में सकारात्मक और रचनात्मक वातावरण प्रदान करना है। इसके लिए तीन सप्ताह की सुझावात्मक गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जिसमें सप्ताह-1 में योग, सांस्कृतिक प्रदर्शन और डिजिटल कौशल, सप्ताह-2 में पर्यावरण संरक्षण, विज्ञान प्रयोग और हस्तशिल्प, तथा सप्ताह-3 में राष्ट्रीय एकता, जल संरक्षण और नाटक शामिल हैं। प्रत्येक गतिविधि बच्चों की आयु और रुचि के अनुसार डिजाइन की जाएगी ताकि सभी को समान अवसर मिले।
समर कैम्प के संचालन के लिए अनुदेशकों और शिक्षा मित्रों को रुपये 6000 का मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों को स्टेशनरी आदि के लिए रुपये 2000 की धनराशि समग्र शिक्षा के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों और समुदाय के विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जा सकता है। अभिभावकों को बच्चों के साथ घर पर गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि भावनात्मक बंधन मजबूत हो सके।
गर्मी और लू से बच्चों की सुरक्षा के लिए छाया और पानी की व्यवस्था अनिवार्य होगी। कैम्प की प्रगति फोटो के माध्यम से दस्तावेजीकरण होगी तथा शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों की उपस्थिति का प्रमाणीकरण 20 जून, 2025 तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी करेंगे। यह पहल बच्चों के लिए न केवल मनोरंजन का साधन होगी बल्कि उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। संबंधित अधिकारियों को 05 मई, 2025 तक आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार की यह पहल अंशकालिक अनुदेशकों और शिक्षामित्रों के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह योजना उन्हें ग्रीष्मकालीन शिविरों के दौरान अतिरिक्त आय प्रदान करेगी और उनके मनोबल को बढ़ाने में मदद करेगी। यह योजना समग्र शिक्षा और बुनियादी शिक्षा के तहत कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों और शिक्षामित्रों के लिए लागू है।