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कहा- मुझे बुरा लग रहा है कि खिलाड़ियों को विवाद में घसीटा गया
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने शुक्रवार को खिलाड़ियों के विवादों में फंसने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे मुद्दे उन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) अधिकारियों के बीच आपसी झगड़े के कारण चल रही महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप प्रभावित हुई है।
टोक्यो ओलम्पिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन सहित असम की टीम को कथित तौर पर राज्य इकाई के सचिव हेमंत कलिता द्वारा इस टूर्नामेंट का बहिष्कार करने के लिए मजबूर किया गया था। कलिता को हाल में महासंघ प्रमुख अजय सिंह द्वारा बीएफआई के महासचिव के पद से निलंबित कर दिया गया था। ऊषा ने चैंपियनशिप के मौके पर कहा, 'मुझे बुरा लग रहा है कि खिलाड़ियों को विवाद में घसीटा गया है।'
उन्होंने कहा, 'मैं चाहती थी कि खिलाड़ी यहां आएं और प्रतिस्पर्धा करें। मुझे खुशी है कि ऐसा हो रहा है। अब मुक्केबाजी लॉस एंजिल्स ओलंपिक का भी हिस्सा है।' प्रतियोगिता में उषा की उपस्थिति उल्लेखनीय थी क्योंकि उन्होंने पिछले महीने बीएफआई के कामकाज की देखरेख के लिए एक तदर्थ समिति नियुक्त की थी, जिस कदम पर बाद में अदालत ने रोक लगा दी थी। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी उपस्थिति केवल खिलाड़ियों के लाभ के लिए थी।
'ऐसा नहीं होना चाहिए था'
उन्होंने कहा, 'आमतौर पर मैं अंतिम समय के निमंत्रण स्वीकार नहीं करती, लेकिन मैं आई क्योंकि मैं चाहती थी कि यह प्रतियोगिता हो। मुक्केबाज लंबे समय से राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं या शिविरों से दूर रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, खासकर अब जब मुक्केबाजी की लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए पुष्टि कर दी गई है, लेकिन मुझे उन खिलाड़ियों के लिए बुरा लगता है जो भाग नहीं ले सकी। ऐसा नहीं होना चाहिए था।'
कोवेंट्री को लेकर कही यह बात
उन्होंने कहा, 'यह हर जगह खिलाड़ियों के लिए मुश्किल है। मेरे पूरे जीवन में हमेशा बाधाएं और चुनौतियां रही हैं। लेकिन उन्हें अपनी स्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, कुछ हासिल करने के लिए जुनून और समर्पण के साथ लड़ना चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए।' आईओए की पहली महिला अध्यक्ष उषा ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रमुख के रूप में क्रिस्टी कोवेंट्री के चुनाव पर भी खुशी व्यक्त की। कोवेंट्री शीर्ष पद पाने वाली पहली महिला और पहली अफ्रीकी अधिकारी हैं।
2036 ओलंपिक को लेकर आशावादी
उन्होंने कहा, 'मैं पहली महिला अध्यक्ष को देखकर बहुत खुश हूं और उम्मीद करती हूं कि वह खेलों में महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करेंगी। जहां तक मुझे पता है, वह डोपिंग के सख्त खिलाफ हैं और मुझे उम्मीद है कि वह इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगी।' भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने का लक्ष्य बना रहा है और उषा आशावादी हैं। उन्होंने कहा, 'आईओसी में अब मेरे बहुत सारे दोस्त हैं और बहुत से लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि ऐसा हो, यह प्रधानमंत्री का विजन है और मैं इसे हकीकत बनाने में मदद करने की पूरी कोशिश करूंगी।'