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के.डी. मेडिकल कॉलेज में हुई मोलेकुलर पैथोलॉजी पर राज्यस्तरीय सीएमई
मथुरा। आणविक रोग विज्ञान, चिकित्सा क्षेत्र में बीमारियों के निदान, उपचार और रोकथाम में बहुत कारगर है। इसकी मदद से कई तरह की बीमारियों के लिए नए उपचार विकल्प विकसित किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं आणविक रोग विज्ञान से जहां विभिन्न प्रकार के कैंसर, आनुवांशिक रोगों, संक्रामक रोगों व विभिन्न अंगों के अनेक घातक रोगों का पता लगाया जा सकता है वहीं इसकी मदद से इन रोगों के नए उपचार विकल्प विकसित किए जा सकते हैं। यह बातें के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर मथुरा के पैथोलॉजी विभाग द्वारा आणविक विकृति विज्ञान में नवीनतम प्रगति विषय पर आयोजित कंटीन्यूइंग मेडिकल एज्यूकेशन (सीएमई) में देश के जाने-माने चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताईं।
सीएमई का शुभारम्भ के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल, प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार आदि द्वारा दादी मां श्रीमती कांती देवी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर मेडिकल के विद्यार्थियों ने भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति सुनाकर जहां अतिथियों को भाव-विभोर किया वहीं एसोसिएट प्रो. (डॉ.) अंजली माथुर ने धर्मपरायण दादी मां श्रीमती कांती देवी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। सीएमई की आयोजन अध्यक्ष विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. प्रणीता सिंह, सचिव डॉ. संगीता सिंह, संयुक्त सचिव डॉ. अम्बरीश कुमार आदि ने मंचासीन अतिथियों तथा चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने देशभर से आए चिकित्सा विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए इसे ब्रज क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि माना।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने आयोजन की सराहना की और अपने संदेश में कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों की जानकारी होना प्रत्येक चिकित्सक के लिए जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सकों को यदि चिकित्सा क्षेत्र में लगातार हो रहे परिवर्तनों की जानकारी होगी तो उससे रोगी के जांच और उपचार में मदद मिलेगी। डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि आणविक चिकित्सा रसायन विज्ञान, भौतिकी, जीव विज्ञान और चिकित्सा के बीच तालमेल पर आधारित है, जिसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य आणविक दृष्टिकोण से बीमारियों से निपटना है। उन्होंने इस आयोजन के लिए पैथोलॉजी विभाग के सभी चिकित्सकों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। डॉ. प्रणीता सिंह ने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों का बहुमूल्य समय देने के लिए आभार माना तथा कहा कि आणविक रोग विज्ञान का चिकित्सा क्षेत्र में शानदार आगाज हो चुका है। उम्मीद है इसके तकनीकी बदलावों से अब स्वस्थ भारत के संकल्प को पूरा करने में जरूर मदद मिलेगी।
सीएमई में विशेषज्ञों ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में तेजी से आणविक विकृति विज्ञान, निदान और चिकित्सा विज्ञान की तकनीकें विकसित हो रही हैं। ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग इन तकनीकी परिवर्तनों की जानकारी हासिल कर इसका इस्तेमाल मरीज के सटीक चिकित्सा निदान और उपचार में कर सकते हैं। सीएमई में पैनल डिस्कशन डॉ. विवेक गुप्ता विभागाध्यक्ष रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट विंग, जी.आई.एम.एस. ग्रेटर नोएडा की अध्यक्षता में हुआ जिसमें आणविक विज्ञान के विशेषज्ञों डॉ. अनिल टेरीगोपुला सीनियर कंसल्टेंट, कोयम्बटूर मोलेकुलर डायग्नोस्टिक लैब्रोटरी, कोयम्बटूर, डॉ. अनुराधा चौगले प्रोफेसर एण्ड फैकल्टी साइंटिस्ट, कंसल्टेंट मोलेकुलर लैब्रोटरी, टाटा मेमोरियल सेण्टर, मुम्बई तथा डॉ. बानी जॉली सीनियर साइंटिस्ट कार्किनोस हेल्थकेयर, प्रा.लि. बेंगलूरु ने विभिन्न रोगों के विशेषज्ञों को नई तकनीक लिक्विड बायोप्सी पर विस्तार से जानकारी दी।
हिमेटॉलॉजी में प्रो. (डॉ.) रीना दास प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष पी.जी.आई.एम.ई.आर., चण्डीगढ़, प्रो. (डॉ.) गीता यादव के.जी.एम.यू. लखनऊ तथा डॉ. वामशी कृष्णा थाम्पटम, प्रमुख जीनोमिक एण्ड क्लीनिकल साइटोजेनेटिक्स, नेशनल रेफरेंस लैब्रोटरी, डॉ. लाल पैथलैब्स, नई दिल्ली ने रक्त के आनुवांशिक रोग व रक्त कैंसर पर अपने-अपने विचार साझा किए। प्रो. (डॉ.) नीरज कुमारी विभागाध्यक्ष (पैथोलॉजी एण्ड लैब मेडिसिन) एम्स, रायबरेली ने नेक्स्ट जेन सीक्वेंसिंग पर चिकित्सकों का मार्गदर्शन किया। डॉ. विवेक गुप्ता ने सॉलिड ट्यूमर पर जहां अपने अनुभव साझा किए वहीं आईएपीएम के यूपी चैप्टर के सचिव प्रो. (डॉ.) अतिन सिंघई के.जी.एम.यू. लखनऊ ने यूरोथेलियल ट्यूमर के बारे में समझाया। देशभर से आए लगभग दो सैकड़ा चिकित्सकों के सामने 30 ओरल पेपर एवं पोस्टर प्रस्तुत किए गए जिसमें सबसे अच्छे ओरल पेपर का पुरस्कार के.डी. मेडिकल कॉलेज की स्नातकोत्तर छात्रा डॉ. जूही कुमारी तथा सबसे अच्छे पोस्टर का पुरस्कार एस.आर.एम.एस. बरेली के स्नातकोत्तर छात्र डॉ. पंकज चौहान को दिया गया।
शनिवार देर शाम तक चली सीएमई के समापन अवसर पर आयोजन सचिव डॉ. संगीता सिंह ने सभी का आभार माना। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में एक अच्छा शैक्षिक आयोजन विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. प्रणीता सिंह, संयुक्त सचिव डॉ. अम्बरीश कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. योगिता सिंह, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सोनम बिलावारिया तथा अतिथि सत्कार समिति के सदस्यों डॉ. निखिल मेहरोत्रा, डॉ. अंजली माथुर तथा स्थल संयोजक सुशील गोयल, डॉ. सैयद मिराज फातमी, अंजू रानी आदि के बिना सम्भव नहीं था। उन्होंने सीएमई की सफलता में योगदान देने के लिए सभी विभागाध्यक्षों, सहयोगी चिकित्सकों का आभार माना। अंत में अखिलेश शुक्ला, पवन कुमार, अमर सिंह आदि को विशेष सहयोग के लिए सम्मानित किया गया।