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खिलाड़ियों के लिए एक समान चयन नीति तथा शिकायत निवारण प्रणाली हो
खेल मंत्रालय ने पांच पेजों का सर्कुलर आईओए, साई और एनएसएफ को भेजा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। जवाबदेही और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के लिए अपनी चयन नीतियों का मानकीकरण करना, खिलाड़ियों को ट्रायल्स के बारे में कम से कम 15 दिन पहले सूचित करना और अन्याय की भावना के कारण होने वाले मुकदमों में कमी लाने के लिए शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करना अनिवार्य कर दिया है।
चयन मामलों पर निर्देश तब आए हैं जब खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय महासंघों को स्पष्ट कर दिया था कि वह चाहते हैं कि एनएसएफ खिलाड़ियों के साथ कानूनी टकराव से बचें जैसा कि हाल के दिनों में कुश्ती, निशानेबाजी और कुछ शीतकालीन खेलों की प्रतियोगिताओं में देखा गया है।
खेल मंत्रालय से यह सर्कुलर भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए), भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) और राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को भेजा गया है। नए निर्देशों के अनुसार एनएसएफ को अपनी वेबसाइट पर चयन नीतियों की जानकारी देना अनिवार्य है और इसमें संशोधन तभी सम्भव है जबकि प्रतियोगिता के आयोजन में कम से कम तीन महीने का समय हो। चयन ट्रायल की वीडियोग्राफी करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
पांच पन्नों के दस्तावेज में एनएसएफ के लिए हर ट्रायल से पहले मंत्रालय को सूचित करना भी अनिवार्य किया गया है। इसके अनुसार, ‘‘वित्तीय सहायता के लिए प्रस्ताव भेजे जाने के दौरान चयन ट्रायल की वीडियो रिकॉर्डिंग को चयन समिति की बैठक की हस्ताक्षर सहित जानकारी के साथ साइ को भेजा जाएगा।’’ मंत्रालय ने एनएसएफ से कहा है कि वे ओलम्पिक, पैरालम्पिक, एशियाई खेल, पैरा एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं के लिए चयन मानदंड कम से कम दो साल पहले सार्वजनिक करें।
निशानेबाजी जैसे खेल में लम्बे समय से यह मांग की जा रही थी। प्रसिद्ध पिस्टल कोच जसपाल राणा कह चुके हैं कि मानकीकृत नीतियां नहीं होने का खिलाड़ियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन बड़ी प्रतियोगिताओं की सूची में खिलाड़ियों, कोच, सहायक कर्मचारियों और अधिकारियों को मंत्रालय को सूचित किए बिना शामिल नहीं किया जा सकता और ‘प्रस्तावित नामों के लिए तर्क और आधार’ भी देने होंगे। यह सूची प्रविष्टियां सौंपने की अंतिम तिथि से कम से कम 30 दिन पहले मंत्रालय तथा साई को भेजी जानी चाहिए।
ऐसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए जहां खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा होना जरूरी है वहां मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि एनएसएफ उन्हें ट्रेनिंग शुरू होने से कम से कम तीन महीने पहले जरूरी आवश्यकताओं के बारे में सूचित करें। यदि कोई खिलाड़ी इसके बावजूद व्यवस्था से परेशान है तो एनएसएफ को शिकायत निवारण समिति या अपील समिति बनाने का निर्देश दिया गया है जो शिकायत के सात दिनों के भीतर निर्णय लेगी।
सर्कुलर के अनुसार, ‘‘इस (समिति) में अनिवार्य रूप से उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ी शामिल होंगे जिन्होंने कम से कम चार साल पहले सक्रिय खेलों से संन्यास लिया हो।’’ इसमें कहा गया, ‘‘चयन समिति का कोई भी सदस्य शिकायत निवारण समिति का हिस्सा नहीं होगा। ऐसी कार्रवाई प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करते हुए संक्षिप्त प्रकृति की होगी। यदि एनएसएफ ने विवाद समाधान आयोग (डीआरसी) का गठन किया है तो दूसरी अपील डीआरसी के समक्ष की जाएगी।’’
चयन पैनल गठित करने की शक्ति पहले महासंघ के पास थी लेकिन नवीनतम निर्देश इसे पूरी तरह से एनएसएफ अध्यक्ष को सौंपते हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘चयन समिति की संरचना एनएसएफ के अध्यक्ष द्वारा तय की जाएगी।’’ सरकारी हस्तक्षेप के आरोप से बचने के लिए इसे अनिवार्य बनाने से बचते हुए मंत्रालय ने एक लम्बी सूची दी है कि आदर्श चयन समिति क्या होनी चाहिए।
निर्देश के अनुसार पैनल की अगुआई ‘आदर्श रूप से’ हाई परफॉर्मेंस निदेशक, मुख्य कोच, विदेशी कोच, पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी (प्राथमिक रूप से मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेता/अर्जुन पुरस्कार विजेता) द्वारा की जानी चाहिए। मंत्रालय ने कोच के चयन के लिए भी कुछ मानदंड तय किए हैं जिसमें एनएसएफ को सलाह दी गई है कि एक बार चुने गए सहायक कर्मचारियों को ‘आमतौर पर एशियाई और ओलम्पिक खेलों के खत्म होने तक बदला या संशोधित नहीं किया जाना चाहिए।’
साथ ही व्यक्तिगत कोच और सहायक कर्मचारियों को शामिल करने पर योग्यता के आधार पर विचार किया जाएगा। बड़ी प्रतियोगिताओं से पहले व्यक्तिगत कोच का मुद्दा एक पेंचीदा मुद्दा रहा है जिसमें खिलाड़ी अक्सर अपने पसंदीदा सहायक कर्मचारियों को पाने के लिए जोर लगाते हैं। सर्कुलर के अनुसार, ‘‘… यह सुनिश्चित करने के लिए उचित सावधानी बरती जानी चाहिए कि दागी रिकॉर्ड वाले किसी भी व्यक्ति को कोचिंग टीम के सदस्य के रूप में नहीं चुना जाए।’’
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से पहले वीजा आवेदनों पर प्रक्रिया पूरी नहीं होने जैसी अंतिम समय की परेशानियों से बचने के लिए मंत्रालय ने एनएसएफ को टीम या संबंधित खिलाड़ी के निर्धारित प्रस्थान से कम से कम 45 दिन पहले चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है।