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कोहली दुबई में स्पिनरों के खिलाफ रंग में नजर आए
खेलपथ संवाद
दुबई।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान पर्थ टेस्ट में शतक के बाद लगातार रनों के लिए जूझ रहे विराट कोहली ने चैम्पियंस ट्रॉफी में अपनी पुरानी फॉर्म को हासिल करते हुए लेग स्पिन के खिलाफ आ रही दिक्कतों पर भी पार पा लिया है। पाकिस्तान के खिलाफ शतक और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रन की पारी के दौरान विराट एक बार फिर नई ऊंचाइयां छूने को आतुर दिख रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में अगर वह शतक से 16 रन से चूके नहीं होते तो यह उनका 52वां वनडे शतक होता। हालांकि वह मायूस नहीं होंगे। वह लम्बे समय से स्पिनरों के खिलाफ परेशान चल रहे थे। इस दौरान वह इससे पूरी तरह उबरते दिखाई दिए। साथ ही उन्होंने 98 गेंदों में सिर्फ पांच चौके लगाते हुए एक ऐसे प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अर्धशतक जड़ा, जिसने अतीत में कई बार भारत का दिल तोड़ा है। हालांकि, यह चमत्कार रातोंरात नहीं हुआ है। इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत छुपी है।
कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले नेट पर दो घंटे ज्यादा बिताए चूंकि बांग्लादेश के खिलाफ स्पिनर रिशाद हुसैन ने उन्हें आउट किया था। उन्होंने पाकिस्तानी स्पिनर अबरार अहमद को बखूबी खेला लेकिन ऑस्ट्रेलिया के एडम जैम्पा अलग लीग के गेंदबाज हैं। दुबई की धीमी पिच पर दूसरी पारी में गेंदबाजी से जैम्पा को और मदद मिली। पहली बार दोनों का सामना 2017 में हुआ था जब जैम्पा ने सफेद गेंद के प्रारूप में कोहली को पांच बार आउट किया। इसके बाद से कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के इस दिग्गज लेग स्पिनर को जवाबी हमले से रोका है। चैंपियंस ट्रॉफी के मैच से पहले उनके खिलाफ 107 की स्ट्राइक रेट से वह 245 गेंद में 264 रन बना चुके थे।
सेमीफाइनल में कोहली ने जैम्पा की 24 गेंद में 23 रन बनाए। जीत के लिए 265 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए यह शानदार तो नहीं लेकिन प्रभावी प्रदर्शन रहा। उन्हें जैम्पा ने ही आउट किया लेकिन तब तक वह अपना काम कर चुके थे। अब भारत का सामना फाइनल में न्यूजीलैंड से होगा। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम इस चैम्पियंस ट्रॉफी में दूसरी बार खेलने उतरेगी।
भारत और न्यूजीलैंड चैंपियंस ट्रॉफी में ग्रुप ए में शामिल थीं। भारत ने ग्रुप चरण के आखिरी मैच में न्यूजीलैंड को हराया था और अब आठ दिन के अंतर दोनों टीमें एक बार फिर आमने-सामने होंगी। गत दो मार्च को भारत और न्यूजीलैंड के बीच इसी दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम पर मुकाबला हुआ था जिसमें भारत ने न्यूजीलैंड के सामने 250 रनों का लक्ष्य रखा था। इस मैच में वरुण चक्रवर्ती की अगुआई में भारतीय स्पिनरों के दमदार प्रदर्शन से टीम इंडिया लक्ष्य का बचाव करने में सफल रही थी। भारत भले ही यह मैच जीतने में सफल रहा था, लेकिन कोहली का बल्ला कीवियों के खिलाफ नहीं चला था और वह 11 रन बनाकर आउट हुए थे।
कोहली इस चैंपियंस ट्रॉफी में लय में नजर आ रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 22 रन, पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 100, न्यूजीलैंड के खिलाफ 11 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रनों की पारियां खेली हैं। फाइनल में भारत को फिर अपने इस स्टार बल्लेबाज से अच्छी पारी की उम्मीद होगी। मिचेल सैंटनर की अगुआई में कोहली को एक बार फिर कीवी टीम के स्पिनरों का सामना करना होगा।