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राजीव एकेडमी में एआई पर हुई आठ दिवसीय वर्कशॉप
मथुरा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) कम्प्यूटर साइंस की ऐसी एडवांस शाखा है, जिसमें एक मशीन को कम्प्यूटर प्रोगामिंग के जरिए इतना बुद्धिमान बनाने की कोशिश की जाती है, जिससे वह इंसानों की तरह सोच-समझ सके और फैसले ले सके। दूसरे शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये एक ऐसा कम्प्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने की कोशिश होती है जिसके आधार पर एक इंसान का दिमाग काम करता है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट द्वारा आयोजित आठ दिवसीय वर्कशॉप में आईबीएम सर्टिफाइड ट्रेनर प्रभात लवानिया ने बीसीए और बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) के छात्र-छात्राओं को बताईं।
श्री लवानिया ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आज जितने भी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित हो रहे हैं उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की बड़ी भूमिका है। आएदिन नए-नए ऐप लांच होना तथा जनमानस द्वारा उनको अपने जीवन में स्वीकार करना आईटी के छात्र-छात्राओं के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि भविष्य में चूंकि आप लोगों को इसी क्षेत्र में जॉब सर्च करना है लिहाजा आपको कृत्रिम बुद्धिमत्ता की अच्छाई और बुराई की जानकारी होना बहुत जरूरी है। उन्होंने मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग पर चर्चा करते हुए कहा कि आज विश्व के 72 प्रतिशत संगठन ए.आई. का प्रयोग कर रहे हैं जिससे पेशेवर सेवाओं और विभिन्न व्यावसायिक कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान करते हुए उन्होंने कहा कि आज और आगे वाली पूरी शिक्षा प्रणाली तथा शिक्षण की तकनीकों को फिर से सुधारने, नए सिरे से डिजाइन करने में ए.आई. की महत्वपूर्ण भूमिका है। ए.आई. के प्रयोग से हम अपने रोजमर्रा के जीवन में सुधार ला रहे हैं। शॉपिंग सेण्टर और ऑनलाइन सर्च इंजन पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में श्री लवानिया ने कहा कि इस तकनीक का प्रयोग बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में कार्य करने वाले रोबोट के लिए किया जाता है।
श्री लवानिया ने छात्र-छात्राओं को बताया कि भविष्य में ए.आई. एक्सपर्ट के हजारों पद सृजित होने हैं, इससे जॉब के बम्पर मौके आएंगे। उन्होंने कहा कि ए.आई. के नवाचारों से कई बड़े उद्योगों को बहुत लाभ हो रहा है। ए.आई. के प्रयोग से सुविधाजनक तकनीकों का व्यापक रूप से प्रयोग हो रहा है। ऐसी तकनीकें कारपोरेट जगत में छोटे-बड़े सभी उद्योगों के लिए ए.आई. के माध्यम से उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में ए.आई. के माध्यम से हम किसी भी विषय में सटीक पूर्वानुमान लगा सकते हैं।
श्री लवानिया ने बताया कि परिवहन, संचार, उद्योग और उपभोक्ता उत्पादों पर ए.आई. का बहुत प्रभाव है। बेहतर ग्राहक अनुभव, स्वचालन बेहतर निर्णय, अनुसंधान और डेटा जनरेटिव ए.आई., जटिल समस्याओं का समाधान दोहराए जाने वाले कार्यों का प्रबंधन, त्रुटियों को कम करने, बेहतर व्यावसायिक दक्षता, जॉब मार्केट अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, आटोमोटिव व्यापारिक सूचना, यात्रा और परिवहन, उत्पादन, कृषि क्षेत्र, स्वास्थ्य, ग्राहक सेवा और कॉलसेंटर, साइबर सुरक्षा निर्माण, वित्त, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, गेम्स, ई-कामर्स आदि क्षेत्रों में एआई का व्यापक प्रयोग हो रहा है। वर्कशॉप में ए.आई. इन प्रेक्टिस, इंट्रोडक्शन ऑफ पायथन, पायथन लायब्रेरी मेटप्लॉटलिब नेयरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग आदि पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने आठ दिवसीय कार्यशाला में ए.आई. पर जो भी जानकारी हासिल की है, उस पर लगन और मेहनत से मंथन करें ताकि भविष्य में जॉब सर्च करने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने छात्र-छात्राओं से परिश्रमपूर्वक अध्ययन करने का आह्वान किया। ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट हेड डॉ. विकास जैन ने बताया कि इस तरह की कार्यशालाएं भविष्य में भी आयोजित होंगी ताकि छात्र-छात्राओं के बौद्धिक विकास में मदद मिले।