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राष्ट्रीय खेलः हरियाणा का होगा मजबूत झारखण्ड से मुकाबला
खेलपथ संवाद
हरिद्वार। 38वें राष्ट्रीय खेलों की महिला हॉकी स्पर्धा पदक दौर में पहुंच चुकी है। बुधवार को वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम रोशनाबाद में पहला सेमीफाइनल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच तथा दूसरा सेमीफाइनल झारखंड तथा हरियाणा के बीच खेला जाएगा। मध्य प्रदेश की टीम इस प्रतियोगिता में अभी तक जिस शान से खेली है उसे देखते हुए उसका फाइनल में पहुंचना लगभग तय माना जा रहा है।
राष्ट्रीय खेलों की महिला हॉकी स्पर्धा के पूल मैचों के बाद मध्य प्रदेश की टीम पूल ए में शीर्ष पर तो हरियाणा की टीम दूसरे पायदान पर रही। पूल मैचों में मध्य प्रदेश की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कर्नाटक को 4-1, ओड़िशा को 3-2, पश्चिम बंगाल को 2-1 से पराजित किया। इस प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश टीम को प्रतिद्वंद्वी टीमों से ही नहीं खराब अम्पायरिंग से भी जूझना पड़ा। पश्चिम बंगाल के खिलाफ मुकाबले में कई निर्णय एमपी टीम के खिलाफ रहे वहीं हरियाणा के खिलाफ मुकाबले में तो हद ही हो गई। अधिकांश समय मैदानी अम्पायर दिग्गज खिलाड़ियों के दबाव में दिखीं। इस मुकाबले में खराब अम्पायरिंग के चलते एमपी टीम को अधिकांश समय 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते देखा गया। खैर, मध्य प्रदेश की बेटियों ने हिम्मत न हारते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय कर लिया है। उम्मीद है कि यह जांबाज बेटियां फाइनल खेलेंगी और पदक जीतकर लौटेंगी।
पूल बी की बात करें तो झारखण्ड टीम शीर्ष तथा महाराष्ट्र टीम दूसरे स्थान पर रहकर सेमीफाइनल में पहुंची हैं। बुधवार को दूसरा सेमीफाइनल झारखंड और हरियाणा के बीच खेला जाएगा। गुजरात राष्ट्रीय खेलों की कांस्य पदक विजेता झारखंड टीम हरियाणा को हराकर इस बार अपने पदक का रंग बदलना चाहेगी। पूल बी में अंतिम पायदान पर रही मेजबान उत्तराखंड टीम को चारों मैचों में हार का सामना करना पड़ा जबकि मणिपुर ने चार अंकों के साथ पूल बी की तालिका में चौथा स्थान हासिल किया। इस प्रतियोगिता में पश्चिम बंगाल और ओड़िशा टीम का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा। हॉकी इंडिया यदि सही सामंजस्य के साथ पूल टीमों का निर्धारण करती तो सेमीफाइनल में स्थिति शायद कुछ अलग होती। देखा जाए तो पूल ए में कर्नाटक को छोड़कर चार अन्य टीमें काफी मजबूत रहीं।
अब देखना यह है कि सेमीफाइनल मुकाबले किस नीति और नीयत से खेले और खिलाए जाते हैं। हॉकी इंडिया को ऐसे महत्वपूर्ण आयोजनों पर अपने ईमानदार पर्यवेक्षक भेजने के साथ अम्पायरिंग के स्तर में पारदर्शिता कैसे आए, इसके प्रबंध करना चाहिए वरना महिला हॉकी रसातल को पहुंच जाएगी। सेमीफाइनल से पहले एमपी, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के साथ जो हुआ उसे ठीक नहीं कहा जा सकता। मध्य प्रदेश टीम के मुख्य प्रशिक्षक परमजीत सिंह तथा प्रशिक्षक सरोज सिंह मानते हैं कि महाराष्ट्र के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला दिलचस्प होगा। मध्य प्रदेश की बेटियां खिताबी रक्षा को बेताब हैं। हम आपको बता दें कि गुजरात में हुए 37वें राष्ट्रीय खेलों में मध्य प्रदेश की हॉकी बेटियों ने हरियाणा को शूटआउट में हराकर स्वर्ण पदक जीता था। हॉकीप्रेमियों को उम्मीद है कि इस बार भी इन दोनों ही टीमों के बीच महिला हॉकी का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा।