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अंडर-19 महिला टी20 : फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को नौ विकेट से रौंदा खेलपथ संवाद कुआलालम्पुर। भारतीय क्रिकेटर बेटियों ने दबदबा बरकरार रखते हुए रविवार को यहां बेहद एकतरफा मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को नौ विकेट से रौंदकर लगातार दूसरी बार अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप खिताब जीत लिया। हरफनमौला गोंगाडी त्रिशा प्लेयर आफ द टूर्नामेंट रहीं। टूर्नामेंट के प्रत्येक मुकाबले में आसान जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के 83 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 11.2 ओवर में एक विकेट पर 84 रन बनाकर एकतरफा जीत हासिल की। भारत बिना कोई मैच गंवाये टूर्नामेंट जीतने वाली पहली टीम भी बना। फाइनल में गोंगाडी त्रिशा 33 गेंद में नाबाद 44 रन बनाकर भारत की ओर से शीर्ष स्कोरर रहीं, जबकि सानिका चाल्के ने भी 22 गेंद में नाबाद 26 रन की पारी खेली। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 48 रन की अटूट साझेदारी की। त्रिशा ने इससे पहले गेदबाजी में भी कमाल करते हुए 15 रन पर तीन विकेट चटकाये, जिससे दक्षिण अफ्रीका की टीम 20 ओवर में 82 रन पर सिमट गयी। पारुनिका सिसोदिया (छह रन पर दो विकेट), आयुषी शुक्ला (नौ रन पर दो विकेट) और वैष्णवी शर्मा (23 रन पर दो विकेट) ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए दो-दो विकेट चटकाये। दक्षिण अफ्रीका की कप्तान कायला रेनेके ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, जिसे भारतीय गेंदबाजों ने गलत साबित किया। स्कॉटलैंड के खिलाफ 110 रन के साथ टूर्नामेंट का एकमात्र शतक जड़ने वालीं भारत की सलामी बल्लेबाज त्रिशा सात पारियों में 77.25 के औसत और 147 के स्ट्राइक रेट से 309 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहीं। त्रिशा ने सात पारियों में 6.42 की इकोनॉमी रेट से सात विकेट भी चटकाये। वैष्णवी छह मैच में 4.35 की इकोनॉमी रेट से 17 विकेट चटकाकर टूर्नामेंट की सबसे सफल गेंदबाज रहीं। आयुषी ने सात मैच में 14 विकेट चटकाकर उनका अच्छा साथ निभाया। भारत ने वेस्टइंडीज, मलेशिया और श्रीलंका के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच आसानी से जीतने के बाद सुपर सिक्स में बांग्लादेश और स्कॉटलैंड को हराया था। सेमीफाइनल में भारत ने इंग्लैंड पर एकतरफा जीत दर्ज की।