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उठाया बड़ा कदम, तीन साल के प्रायोजन का किया एलान भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष ने की इस पहल की सराहना खेलपथ संवाद भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने देश में स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय खो-खो टीम के साथ तीन साल के प्रायोजन की घोषणा की। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि राज्य जनवरी 2025 से दिसम्बर 2027 तक सालाना पांच करोड़ रुपये का निवेश करेगा। ओडिशा खनन निगम के माध्यम से वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा। भारतीय हॉकी टीम के साथ सफल प्रायोजन के बाद खो-खो के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रायोजन खेल विकास के लिए ओडिशा की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल का उद्देश्य खो-खो की स्थिति को ऊपर उठाना और राष्ट्रीय टीम को आवश्यक सहायता प्रदान करना है। माझी ने कहा, यह भारत में खो-खो के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। अपने स्वदेशी खेलों का समर्थन करके हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ खिलाड़ियों के लिए नए अवसर भी पैदा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, जिस तरह हमने भारतीय हॉकी को बदलने में भूमिका निभाई है उसी तरह हम खो-खो को भी फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए कदम उठा रहे है। यह ओडिशा को खेल उत्कृष्टता के उत्प्रेरक के रूप में स्थापित करता है। भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने इस पहल का स्वागत किया। भारत इस महीने 13 से 19 जनवरी तक नई दिल्ली में पहले खो-खो विश्व कप की मेजबानी करेगा। मित्तल ने कहा, खो-खो के प्रति ओडिशा की प्रतिबद्धता इस पारंपरिक खेल के लिए एक अहम मोड़ की तरह है। यह प्रायोजन विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को विकसित करने और वैश्विक मंच पर खो-खो को बढ़ावा देने की हमारी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। यह प्रायोजन के विकास, प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी की सुविधा को मजबूत करेगा। अधिकारियों का कहना है कि यह साझेदारी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में ओडिशा के लिए ब्रांडिंग के अवसर भी प्रदान करेगी।