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लगभग 24 महीने से कर रही हैं संघर्ष खेलपथ संवाद नई दिल्ली। दो बार की ओलम्पिक पदक विजेता पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन मंगलवार से शुरू हो रहे कुमामोतो मास्टर्स जापान सुपर 500 टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती की अगआई करते हुए फॉर्म में लौटने का प्रयास करेंगे। इन दोनों खिलाड़ियों को पेरिस ओलम्पिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है। पीवी सिंधू डेनमार्क ओपन सुपर 750 में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन लक्ष्य सेन आर्कटिक ओपन सुपर 500 और डेनमार्क ओपन दोनों में जल्दी बाहर हो गए थे। सिंधू करीब 24 महीनों से संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने 2022 में सिंगापुर ओपन का खिताब जीता था जिसके बाद से वह चैम्पियन बनने के लिए चुनौती पेश कर रही हैं। रियो ओलम्पिक 2016 में रजत और टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधू इस साल पेरिस ओलंपिक में पदक नहीं जीत सकी थीं और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था। इन असफलताओं के बावजूद सिंधू को विश्वास है कि अपने नए कोच अनूप श्रीधर और कोरिया के दिग्गज ली स्युन इल के साथ मिलकर काम करने से वह बेहतर परिणाम हासिल करेंगी। जापान ओपन के पहले दौर में सिंधू का मुकाबला थाईलैंड की आठवीं वरीयता प्राप्त बुसानन ओंगबामरुंगफान से होगा। सिंधू ने कहा, मैं शारीरिक और मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में हूं। हमने खेल के विभिन्न पहलुओं पर काम किया है। मुझे उम्मीद है कि नए कोचों के मार्गदर्शन में मैं जापान और चीन में अच्छा प्रदर्शन करने सफल रहूंगी। दूसरी ओर, लक्ष्य सेन अपने अभियान की शुरुआत मलेशिया के लियोंग जून हाओ के खिलाफ करेंगे। इस मैच में जीत दर्ज करने के बाद उनका अगला मुकाबला इंडोनेशिया के आठवीं वरीयता प्राप्त एंथोनी गिंटिंग से हो सकता है। त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की भारतीय महिला युगल जोड़ी भी इस टूर्नामेंट में अपनी चुनौती देश करेंगी। पहले दौर में उनका सामना चीनी ताइपे की सू यिनहुई और लिन झिह युन से होगा।