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17 नवम्बर को के.डी. डेंटल कॉलेज में होगा इनोवेटिव भारत 3.0 कार्यक्रम
मथुरा। देश को आत्मनिर्भर बनाने तथा बेरोजगारी को खत्म करने के लिए हमें नौकरी खोजने की मानसिकता को बदलना होगा। युवा देश के विकास में अपना योगदान नौकरी हासिल करके नहीं बल्कि स्वावलम्बी बनकर सहजता से कर सकते हैं। यह बातें शुक्रवार को गोवर्धन चौराहा स्थित होटल अभिनंदन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मथुरा शाखा के डॉ. पवनजीत जी विभाग विद्यार्थी प्रमुख ने 17 नवम्बर को के.डी. डेंटल कॉलेज मथुरा में होने वाले इनोवेटिव भारत 3.0 कार्यक्रम की रूपरेखा तथा इसकी वेबसाइट के उद्घाटन अवसर पर विभिन्न कॉलेजों के प्राध्यापकों तथा विद्यार्थियों को बताईं।
डॉ. पवनजीत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वराज, स्वाध्याय तथा स्वावलम्बन की दिशा में पूरी तरफ से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में दुनिया के सभी देशों के मुकाबले युवा आबादी सबसे अधिक है लेकिन इसके दूसरे पक्ष, बेरोजगारी पर नजर डालें तो यह बहुत ही चिंतन की बात है। उन्होंने कहा कि भारतीय युवाओं के पास अच्छे विचारों तथा बुद्धिमत्ता की कमी नहीं है। कमी है तो बस हमारी व्यवस्था की, जिससे व्यथित होकर भारतीय युवा मेधा दूसरे देशों के लिए पलायन को मजबूर हैं। यही भारतीय युवा विदेशों में जाकर अपनी मेधाशक्ति से नवोन्मेष कर रहे हैं। आज देश-विदेश में जितने भी आविष्कार हो रहे वे अधिकतर भारतीय युवाओं द्वारा किए जा रहे हैं। इसका अर्थ है कि भारतीयों के पास बुद्धिमत्ता की कोई कमी नहीं है।
इस अवसर पर आशुतोष जी सह विभाग विद्यार्थी प्रमुख ने बताया कि 17 नवम्बर को के.डी. डेंटल कॉलेज में होने जा रहे इनोवेटिव भारत 3.0 कार्यक्रम का उद्देश्य ब्रज की मेधावी युवा पीढ़ी के विचारों को एक मंच देना है जिसके जरिए वे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने बताया कि संघ परिवार पिछले दो वर्षों से युवाओं को नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वरोजगार पर ध्यान केन्द्रित करने को प्रेरित कर रहा है। 12 जनवरी, 2022 को केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के ठीक बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने स्वयं का स्वावलम्बी भारत अभियान शुरू किया है।
आशुतोष जी ने विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि 17 नवम्बर को होने वाले इनोवेटिव भारत 3.0 कार्यक्रम में वे अपने किसी भी नवोन्मेष अथवा योजना पर विचार रख सकते हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वेबसाइट में जाकर भी कार्यक्रम की रूपरेखा को समझ सकते हैं। उन्होंने बताया कि इनोवेटिव भारत 3.0 कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को ईएनटी/सामाजिक जीवन, अर्थशास्त्र/कानून, इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी तथा स्वास्थ्य/चिकित्सा पर अपने विचार प्रस्तुत करने होंगे। सभी युवाओं को पंजीयन करवाना अनिवार्य होगा।
आशुतोष जी ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को उनकी अप्रयुक्त क्षमता, विशिष्ट अवधारणाओं तथा नए विचारों को प्रदर्शित करने का सुअवसर देते हुए उन्हें प्रोत्साहित करना है। इनमें तकनीकी प्रगति और इंजीनियरिंग समाधान से लेकर पर्यावरणीय स्थिरता, सामाजिक पहल, स्वास्थ्य देखभाल नवाचार, फार्मास्युटिकल विकास, सामाजिक कल्याण आदि विषय शामिल हैं। इस अवसर पर विभाग प्रचारक अरुण जी ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि देश में बेरोजगारी की जो स्थिति है, उसे देखते हुए सरकार चाहे भी तो सभी को शासकीय सेवा का अवसर नहीं दे सकती। बेरोजगारी की समस्या का समाधान कम्पनियों के पास भी नहीं है लिहाजा युवाओं को बेरोजगारी को खत्म करने के लिए नौकरी खोजने की मानसिकता और सोच को बदलना होगा। इस अवसर पर अरुण पांचजन्य विभाग प्रचारक मथुरा ने युवाओं का आह्वान किया कि वह अपनी सकारात्मक सोच से ही स्वयं और राष्ट्र का विकास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी अच्छी सोच और विचार से हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में चिकित्सक, प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।