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आज देश के पास हैं 85 ग्रैंडमास्टर, ओलम्पियाड में स्वर्णिम सफलता खेलपथ संवाद नई दिल्ली। क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के उदय के बाद जो चमत्कार हुआ वही शतरंज में विश्वनाथन के आने के बाद महसूस किया गया। 1980 के दशक तक जहां भारत के पास एक भी ग्रैंड मास्टर नहीं था वहीं अब 85 ग्रैंड मास्टर अपनी चालों से दुनिया भर के शातिरों को चकरा रहे हैं। सचिन तेंदुलकर को देखकर जैसे भारत में बल्लेबाजों की लाइन लग गई वही काम शतरंज में विश्वनाथन आनंद ने किया है। इस लेजेंड ने पूरी एक पीढ़ी को प्रभावित किया है। पहली बार भारत चैस ओलम्पियाड में गोल्ड जीता है। पहले लड़कों ने गोल्ड मेडल जीता बाद में लड़कियों ने भी स्वर्णिम सफलता हासिल की। विश्वनाथन आनंद ने 1980 के दशक में जब खेलना शुरू किया था तब देश में एक भी ग्रैंडमास्टर नहीं था। आज देश में आज 85 ग्रैंडमास्टर हैं। आनंद के रहते भारतीय टीम कभी गोल्ड नहीं जीत पाई, लेकिन इस सफलता में वाकई उनका योगदान सबसे बड़ा है। भारत में इस वक्त जो शतरंज क्रांति चल रही है, उसकी शुरुआत विश्वनाथ आनंद ने ही की। भारत पुरुष और महिला दोनों वर्गों में शतरंज की बड़ी शक्ति बन गया है। आज शायद सबसे ज्यादा खुश विश्वनाथन आनंद ही होंगे। आनंद इसको लेकर इतने उत्साहित थे कि उन्होंने एक राउंड बाकी रहते भारतीय खिलाड़ियों को जीत की बधाई दे दी थी। हालांकि, उन्हें बाद में बताया गया कि तकनीकी तौर पर अभी थोड़ा मौका दूसरे स्थान पर चल रही टीम के लिए भी है। आनंद ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘ऐतिहासिक प्रदर्शन। निश्चित तौर पर हैरतअंगेज खेल।' पुरुष के बाद महिला टीम की भी जय-जय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश, अर्जुन एरिगैसी और आर प्रग्नानंदा ने स्लोवेनिया के खिलाफ 11वें राउंड में अपने-अपने मैच जीत लिए। भारतीय महिलाओं ने अजरबेजान को 3.5-0.5 से हराकर देश के लिए स्वर्ण पदक हासिल किया। डी हरिका ने पहले बोर्ड पर तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई और दिव्या देशमुख ने एक बार फिर अपने प्रतिद्वंद्वी को पछाड़कर तीसरे बोर्ड पर अपना व्यक्तिगत स्वर्ण पदक पक्का किया। आर वैशाली के ड्रॉ खेलने के बाद वंतिका अग्रवाल की शानदार जीत से भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया। भारतीय पुरुष टीम ने इससे पहले टूर्नामेंट के 2014 और 2022 चरण में ब्रॉन्ज मेजल जीते थे। भारतीय महिला टीम ने चेन्नई में 2022 के चरण में ब्रॉन्ज जीता था। भारतीय पुरुष टीम: अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती, पी हरिकृष्णा, डी गुकेश, आर प्रग्नानंदा भारतीय महिला टीम: तानिया सचदेव, वंतिका अग्रवाल, आर वैशाली, दिव्या देशमुख, डी हरिका