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शैले इट्टमण ने छात्र-छात्राओं को भूकम्प से बचने के उपाय बताए
मथुरा। बहुत तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के दौर में मीडिया परिदृश्य में बहुत बदलाव आ रहा है। सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मों के उदय ने समाचार और सूचना के प्रसार के तरीके में क्रांति ला दी है। व्यक्तियों और व्यवसायों को अब अपने लक्षित दर्शकों से अधिक कुशलता से जुड़ने में बेशक मदद मिल रही हो लेकिन इन परिवर्तनों ने पीआर पेशेवरों के सामने नई चुनौतियां भी पेश की हैं। यह बातें जीएल बजाज ग्रुफ आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में आयोजित अरुणोदय परिचय और उन्मुखीकरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शैले इट्टमण ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
कार्यक्रम शुभारम्भ से पूर्व डॉ. भोले सिंह ने अतिथि स्वागत के बाद न्यू मीडिया कंसल्टेंट शैले इट्टमण का परिचय दिया। शैले इट्टम ने न्यू मीडिया के विकसित होते परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सोशल मीडिया आज के मीडिया परिदृश्य में एक बड़ी ताकत बन गया है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म ने लोगों को वास्तविक समय में समाचार देखने और अपने विचार तुरंत साझा करने की अनुमति दी है। इसने सूचना के प्रसार को लोकतांत्रिक बना दिया है, जिससे किसी को भी अपनी बात कहने का मौका मिला है और विविध दृष्टिकोणों के प्रसार में योगदान मिला है।
न्यू मीडिया कंसल्टेंट शैले इट्टमण ने कहा कि जैसे-जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म प्रमुखता प्राप्त कर रहे हैं, पारम्परिक मीडिया महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। प्रिंट प्रकाशन पाठकों को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि स्ट्रीमिंग सेवाओं के सामने टीवी दर्शकों की संख्या में गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि इस बदलते माहौल में पीआर विशेषज्ञों को कामयाब होने के लिए रणनीतियों को अनुकूलित करना चाहिए तथा नवीनतम रुझानों के प्रति सजग रहना चाहिए। ऐसा करने से उनके ग्राहक प्रमुख हितधारकों के साथ सार्थक संबंध स्थापित करने तथा व्यावसायिक सफलता प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं।
शैले इट्टमण ने महिलाओं की सुरक्षा पर भी बात की। उन्होंने छात्राओं को आत्म-सुरक्षा के उपाय बताने के साथ ही उन्हें सम्भावित खतरों से सतर्क रहने तथा न्याय के लिए आवाज उठाने पर जोर दिया। इसके अलावा श्री इट्टमण ने छात्र-छात्राओं को भूकम्प के दौरान सुरक्षित रहने के सुरक्षा उपाय सुझाए। उन्होंने कहा कि भूकम्प आने के समय घर के अंतर रहें, बाहर हैं तो सुरक्षित स्थान की तलाश करें, खिड़कियों, भारी फर्नीचर तथा ऐसी वस्तुओं से दूर रहें जो गिर सकती हैं। यदि आप गाड़ी चला रहे हैं, तो ओवरपास, पुलों तथा बड़े पेड़ों से दूर एक सुरक्षित स्थान पर रुकें। अंत में डॉ. शिखा गोविल ने बेशकीमती समय तथा अपने विचार साझा करने के लिए मुख्य अतिथि शैले इट्टमण का आभार माना। कार्यक्रम का संचालन भूविका शर्मा और याशी लावन्या ने किया।