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55 किलोग्राम भार वर्ग में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता अभी तक भारत के खाते में 11 स्वर्ण और तीन चांदी के तमगे शामिल खेलपथ संवाद सुवा (फिजी)। भारतीय भारोत्तोलकों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए यहां 2024 राष्ट्रमंडल युवा, जूनियर और सीनियर (पुरुष और महिला) भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में अभी तक 11 स्वर्ण और तीन रजत पदक जीत लिये। चैम्पियनशिप में मीना संता ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण तथा एक रजत पदक जीता। बाबुलाल हेम्ब्रोम ने 49 किलोग्राम युवा पुरुष वर्ग में क्लीन एवं जर्क वर्ग में 114 किलोग्राम वजन उठाकर राष्ट्रमंडल और राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। मीना संता ने 55 किलोग्राम युवा महिला वर्ग में स्नैच में 81 किलोग्राम और क्लीन एवं जर्क में 99 किलोग्राम के प्रयास से कुल 180 किलोग्राम वजन उठाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया। बेदाबरत भाराली ने भी 73 किलोग्राम युवा पुरुष वर्ग में कुल 200 किलोग्राम के वजन से स्नैच तथा क्लीन एवं जर्क में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। अन्य स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलकों में ज्योत्सना साबर, आकांक्षा व्यवहारे, अस्मिता धोने, भार्गवी बी, ए महारंजन, वी किशोर, टी माधवन, बोलो यलाम शामिल हैं। चैम्पियनशिप 21 सितम्बर तक चलेगी। ओडिशा की महिला अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलकों मीना संता और ज्योष्ना सबर ने फिजी के सुवा में चल रही राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैम्पियनशिप के पहले दिन तीन स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीतकर भारत और अपने गृह राज्य ओडिशा को एक बार फिर गौरवान्वित किया है। ज्योष्ना ने युवा महिलाओं के 40 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 123 किलोग्राम वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता, जिसमें स्नैच में 58 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 65 किलोग्राम शामिल था। गजपति जिले की इस आदिवासी लड़की का यह सातवां अंतरराष्ट्रीय पदक है, जिसने पिछले साल उत्तर प्रदेश के नोएडा में पिछली राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था। मीना ने 55 किलोग्राम भार वर्ग में दो स्वर्ण और एक रजत के साथ अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ सफलता हासिल की। उन्होंने स्नैच में 81 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 99 किलोग्राम वजन उठाकर कुल 180 किलोग्राम वजन उठाया, जिससे उन्हें युवा और जूनियर वर्ग में एक-एक स्वर्ण और सीनियर ग्रुप में एक रजत मिला। नबरंगपुर की आदिवासी भारोत्तोलक के लिए यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय पदक था, जिन्होंने पिछले साल राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक के साथ अपना पहला पदक भी हासिल किया था। मीना और ज्योशना दोनों ही भुवनेश्वर में ओडिशा-टेनविक वेटलिफ्टिंग हाई परफॉरमेंस सेंटर की प्रशिक्षु हैं और कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस), भुवनेश्वर में प्लस-टू आर्ट्स की पढ़ाई कर रही हैं। दोनों ने फिजी जाने से पहले पटियाला के एसएआई एनएसएनआईएस में राष्ट्रीय शिविर में भाग लिया था। 25 देशों के 200 से ज़्यादा भारोत्तोलक कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में हिस्सा ले रहे हैं।