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खेलपथ संवाद हुलुनबुइर। अजेय भारतीय हॉकी टीम ने मंगलवार को मेजबान चीन की मजबूत रक्षा दीवार को तोड़ते हुए पांचवीं बार एशियाई चैम्पियंस ट्राफी अपने नाम कर ली। मेजबान चीन की रक्षा दीवार ने फाइनल मुकाबले के तीन क्वार्टर तक भारत के हर हमले को नाकाम किया, आखिरकार जुगराज सिंह ने करिश्माई गोल कर भारतीय हॉकी प्रेमियों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी। मंगवार शाम भारतीय हॉकी टोली ने पांचवीं बार एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीत ली। पहले तीन क्वार्टर तक कोई टीम गोल नहीं कर सकी। आखिर में डिफेंडर जुगराज सिंह ने फील्ड गोल करके टीम को जीत दिलाई। हरमनप्रीत सिंह की टीम के लिये यह मुकाबला कतई आसान नहीं था। पहले तीन क्वार्टर में चीनी डिफेंडरों ने भारत को गोल करने का कोई मौका नहीं दिया। पेरिस ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के लिये 51वें मिनट में जुगराज ने गोल किया। इसके साथ ही भारत टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे कामयाब टीम हो गई है जिसने 5 बार खिताब जीता। इससे पहले भारत ने 2016 और 2018 में लगातार खिताब जीते थे। हॉकी इंडिया ने इस जीत पर हर खिलाड़ी को तीन लाख रुपये और सहयोगी स्टाफ को डेढ लाख रुपये नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया है। इससे पहले पाकिस्तान ने कोरिया को 5-2 से हराकर छह टीमों के टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया। खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में उतरी भारतीय टीम ने पहले लीग मैच में चीन को 3-0 से हराया था लेकिन फाइनल मुकाबला काफी कठिन रहा। चीन को 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिन पर भारतीय गोलकीपर पाठक ने गोल नहीं होने दिया। भारत के गोल के सूत्रधार हरमनप्रीत रहे जो जबर्दस्त स्टिक वर्क दिखाते हुए चीनी सर्कल में घुसे और जुगराज को गेंद सौंपी जिसने गोल करने में कोई चूक नहीं की।