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जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं को बताए साइबर क्राइम से बचने के उपाय
मथुरा। आज समूची तकनीकी दुनिया के सामने साइबर क्राइम सबसे बड़ा खतरा है। साइबर अटैक केवल इंसान ही नहीं बल्कि किसी देश तथा वित्तीय संस्थान को भी कंगाल कर सकता है लिहाजा हमें हर पल सावधान रहने की जरूरत है। यह बातें जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा द्वारा आयोजित अरुणोदय कार्यक्रम में साइबर क्राइम सेल के पूर्व पुलिस अधीक्षक तथा फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. त्रिवेणी सिंह ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) के संस्थापक प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं को बताया कि भारत ही नहीं दुनिया भर के देशों की सरकारें तथा सुरक्षा एजेंसियां साइबर क्राइम के बढ़ते दायरे को लेकर चिंतित हैं। देशभर में साइबर कॉप के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधीक्षक (साइबर सेल) प्रो. त्रिवेणी सिंह ने कहा इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत इस्तेमाल सबसे गम्भीर चुनौती है। उन्होंने कहा कि कोई भी निजी जानकारी कम्प्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है।
भारत के राष्ट्रपति के करकमलों से वीरता पुलिस पदक सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जित कर चुके प्रो. त्रिवेणी सिंह ने कहा कि आज के समय में डिजिटल डिटॉक्स यानी डिजिटल योग हर किसी के लिए आवश्यक है। प्रो. सिंह ने बुद्ध के बारे में भी बात की, उन्होंने कहा कि बुद्ध ने एक बार कहा था "वर्तमान में जियो।" लेकिन लोग हर समय फोन स्क्रॉल कर रहे हैं, जो दुनिया के लिए हानिकारक है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए हानिकारक है। उन्होंने यह भी बताया कि साइबर का मतलब सभी प्रकार की डिजिटल चीजें हैं। उन्होंने टेलीग्राम को साइबर अपराध का सबसे बड़ा केंद्र बताया और कहा कि वहां से लोगों का डेटा लीक हो रहा है। प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं से कहा कि हमेशा अवसरों का लाभ उठाएं तथा बाहरी दुनिया से भागें नहीं। उन्होंने विद्यार्थियों को 5000 साइबर कमांडो की गृह मंत्रालय सेवा के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यह डिजिटल दुनिया है जहां हर चीज किसी भी सर्वर पर रिकॉर्ड की जाती है। हर चीज डिजिटल डोमेन में जाती है। प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं को साइबर क्राइम से सुरक्षा के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को साइबर कानून का ज्ञान होना चाहिए। प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें सफलता के लिए अपनी मेहनत का इकोसिस्टम बनाना चाहिए इतना ही नहीं समर्पण और फोकस के लिए अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से समर्पित होना चाहिए। प्रो. सिंह अपने मिशन "साइबर सेफ उत्तर प्रदेश" पर काम कर रहे हैं। अंत में संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. सिंह का स्वागत करते हुए उनका आभार माना।