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सात स्वर्ण, नौ रजत तथा 13 कांस्य सहित 29 पदक जीते
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। अलविदा पेरिस के साथ पैरालम्पिक खेलों का समापन हो गया। चीन 94 स्वर्ण पदकों के साथ कुल 220 पदक जीतकर पदक तालिका में सिरमौर रहा तो भारतीय जांबाजों ने भी टोक्यो से 10 पदक अधिक जीतकर पैरालम्पिक का नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों के हौसले की जीत है, हर भारतवासी को इन सूरमा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाना चाहिए।
पेरिस पैरालम्पिक में भारत का अभियान समाप्त हो गया है। भारतीय दल ने कुल 29 पदक जीतकर टोक्यो का रिकॉर्ड तोड़ दिया। तीन साल पहले भारत ने 19 पदक जीते थे तो अब देश ने 29 पदक जीतकर नया इतिहास बना लिया। इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने सात स्वर्ण, नौ रजत तथा 13 कांस्य पदक जीते हैं। भारत इस बार 25 पार के लक्ष्य को लेकर इन खेलों में उतरा था। इस पैरालम्पिक में जिस अवनि लेखरा के स्वर्ण पदक से कहानी शुरू हुई थी वह नवदीप सिंह के स्वर्ण पदक पर आकर खत्म हुई।
पेरिस पैरालम्पिक में 84 पैरा खिलाड़ियों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा 29 पदकों के साथ यह सबसे सफल पैरालम्पिक साबित हुआ। इससे पहले टोक्यो पैरालम्पिक में भारत ने 54 खिलाड़ी भेजे थे और 19 पदक जीतने में कामयाब रहे थे। इनमें पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक शामिल थे। भारत ने 20वां पदक जीतते ही टोक्यो पैरालम्पिक का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसके अलावा सात स्वर्ण जीतकर भारत ने टोक्यो के पांच स्वर्ण के रिकॉर्ड को भी तोड़ा। टोक्यो 2020 में भारत की रैंक 24 रही थी, इस बार देश 29 पदकों के साथ 18वें स्थान पर है। यह अब तक की भारत की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है।
पैरालम्पिक खेलों में भारत का इतिहास
पैरालम्पिक खेलों की शुरुआत 1960 में रोम पैरालम्पिक खेलों से हुई थी। हालांकि, भारत ने 1960 और फिर इसके बाद 1964 टोक्यो पैरालम्पिक खेलों में हिस्सा नहीं लिया था। 1968 तल अवीव पैरालम्पिक खेलों में भारत कोई पदक नहीं जीत सका था, जबकि 1972 हीडलबर्ग पैरालम्पिक खेलों में भारत ने सिर्फ एक स्वर्ण समेत एक पदक जीता था। तब भारत की रैंक 25 रही। 1976 टोरंटो और 1980 आर्नहेम पैरालम्पिक खेलों में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। भारत ने 1984 पैरालम्पिक्स में चार पदक जीते थे और 37वें स्थान पर रहा था। 1988 सियोल, 1992 बार्सिलोना, 1996 अटलांटा, 2000 सिडनी पैरालंपिक्स और 2008 बीजिंग पैरालंपिक्स में भारत कोई पदक नहीं जीत सका था।
भारत ने 2004 एथेंस पैरालम्पिक्स में दो, 2012 लंदन पैरालम्पिक्स में एक, 2016 रियो पैरालम्पिक्स में चार पदक जीते थे। 2004 में भारत 53वें स्थान पर, 2012 में 67वें स्थान पर और 2016 में 43वें स्थान पर रहा था। अब पेरिस पैरालम्पिक्स में भारत ने 29 पदकों के साथ नया इतिहास रच दिया है। पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पैरालम्पिक्स में भारतीय एथलीट्स देशवासियों के चेहरे पर खुशियां लेकर आए हैं। भारत ने पेरिस पैरालम्पिक में कुल 29 पदक जीते हैं। भारत ने अब तक सभी पैरालम्पिक्स को मिलाकर कुल 16 स्वर्ण, 21 रजत और 23 कांस्य समेत कुल 60 पदक जीते हैं।
पैरालंपिक 2024 में इन्होंने जीते पदक
अवनि लेखरा: स्वर्ण पदक: निशानेबाजी
मोना अग्रवाल: कांस्य पदक: निशानेबाजी
प्रीति पाल: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
मनीष नरवाल: रजत पदक: निशानेबाजी
रुबीना फ्रांसिस: कांस्य पदक: निशानेबाजी
निषाद कुमार: रजत पदक: एथलेटिक्स
योगेश कथुनिया: रजत पदक: एथलेटिक्स
नितेश कुमार: स्वर्ण पदक: बैडमिंटन
मनीषा रामदास: कांस्य पदक: बैडमिंटन
तुलसीमति मुरुगेसन: रजत पदक: बैडमिंटन
सुहास एलवाई: रजत पदक: बैडमिंटन
राकेश कुमार/शीतल देवी: कांस्य पदक: तीरंदाजी
सुमित अंतिल: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
नित्या श्री सिवान: कांस्य पदक: बैडमिंटन
दीप्ति जीवनजी: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
अजीत सिंह: रजत पदक: एथलेटिक्स
सुंदर सिंह गुर्जर: कांस्य पदक:एथलेटिक्स
शरद कुमार: रजत पदक: एथलेटिक्स
मरियप्पन थंगावेलु: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
सचिन सरजेराव खिलाड़ी: रजत पदक: एथलेटिक्स
धरमबीर: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
प्रणव सूरमा: रजत पदक: एथलेटिक्स
हरविंदर सिंह: स्वर्ण पदक: तीरंदाजी
कपिल परमार: कांस्य पदक: जूडो
प्रवीण कुमार: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
होकाता सेमा: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
सिमरन शर्मा: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
नवदीप सिंह: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स