News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
उत्तराखंड में संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि अब एक साल नहीं तीन साल की होगी नियुक्ति खेलपथ संवाद देहरादून। देवभूमि को खेलभूमि बनाने की कोशिशों के तहत उत्तराखंड सरकार ने सबसे पहले प्रशिक्षकों के मानदेय बढ़ाने को प्राथमिकता दी है। सरकार ने प्रशिक्षकों का मानदेय बढ़ाने के साथ ही उनकी नियुक्ति एक साल की बजाय तीन साल के लिए करने का निर्णय लिया है। प्रदेश की खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि हम देवभूमि को खेलभूमि प्रशिक्षकों की मदद बिना नहीं बना सकते, इसलिए उनका मानदेय बढ़ाया गया है। उत्तराखंड में खेल विभाग के अन्तर्गत विभिन्न खेल विधाओं में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने हेतु “संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि एवं चयन प्रक्रिया के निर्धारण हेतु शासन द्वारा शासनादेश जारी किया गया है। खेल मंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री को इस निमित्त धन्यवाद ज्ञापित किया। खेल विभाग द्वारा राज्य के लगभग सभी जनपदों में विभिन्न खेलों में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने हेतु कान्ट्रेक्ट प्रशिक्षकों की तैनाती की जाती रही है। पूर्व में कान्ट्रेक्ट प्रशिक्षकों को विभाग द्वारा एक नियत मासिक मानदेय पर एक वर्ष हेतु तैनात किया जाता था। नवीन शासनादेश में उक्त अवधि को बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है। पूर्व में संविदा खेल प्रशिक्षकों को 06 श्रेणियों में क्रमशः रु० 12,000.00, रु० 15,000.00, रु० 20,000.00, रु0 25,000.00, रु० 35,000.00 एवं रु0 45,000.00 प्रतिमाह मानदेय दिया जाता था नवीन शासनादेश में 06 श्रेणियों को कम करते हुए 03 श्रेणियां बनाई गई हैं तथा कई श्रेणियों के मानदेय में बढ़ोतरी करते हुए क्रमशः रुपये 25 हजार, रुपये 35 हजार एवं रुपये 45 हजार कर दिया गया है। अब खेल प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न खेलों में वर्षभर खिलाड़ियों हेतु कोचिंग के साथ-साथ प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जायेंगे और राज्य की प्रतिभाओं को निखार कर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को तैयार किया जाएगा। इस शासनादेश में चयनित होने वाले प्रशिक्षक ने यदि एनआईएस पटियाला अथवा इससे सम्बद्ध अन्य संस्थान अथवा लक्ष्मीबाई नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फिजीकल एजुकेशन, ग्वालियर/अन्य विश्वविद्यालय से नियमित कोर्स को पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजीडीएससी) डिग्रीधारी/डिप्लोमाधारी प्रशिक्षकों अथवा ओलम्पिक गेम्स/वर्ल्ड कप/वर्ल्ड चैम्पियनशिप/ कॉमनवेल्थ गेम्स/एशियाई गेम्स/ सैफ गेम्स/ एफो एशियन गेम्स में पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ी होने के दशा में रुपये 45 हजार प्रतिमाह मानदेय, अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं एशियन चैम्पियनशिप/ सैफ चैम्पियनशिप/ कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप/ वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स/वर्ल्ड पुलिस गेम्स/ वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में पदक विजेता एवं प्रतिभाग खिलाड़ी अथवा राष्ट्रीय खेल/सीनियर नेशनल में पदक प्राप्त कर चुके खिलाड़ी होने की दशा में रुपये 35 हजार तथा सीनियर नेशनल में प्रतिभाग/ऑल इण्डिया इन्टर यूनिवर्सिटी गेम्स में पदक विजेता एवं प्रतिभाग खिलाड़ी/सीनियर नॉर्थ जोन प्रतियोगिता में पदक विजेता/ प्रतिभाग/ जूनियर/ कैडेट/ सब जूनियर नेशनल में पदक/ स्कूल नेशनल गेम्स में पदक/भारतीय सेना में सर्विसेज में पदक/अखिल भारतीय पुलिस गेम्स में पदक/एन.आई.एस. पटियाला अथवा इससे सम्बद्ध संस्थान अथवा अन्य विश्विद्यालय से छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स इन स्पोर्ट्स कोचिंग होने की दशा में रुपये 25 हजार प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि होने से खिलाड़ियों की संख्या एवं प्रशिक्षण में अधिकाधिक बढ़ोत्तरी होगी और उत्तराखण्ड के खिलाड़ी खेलों के माध्यम से एक उज्ज्वल भविष्य की तैयारी कर सकेंगे। खेल मंत्री ने कहा कि इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। इससे अब निश्चित रूप से हमारे खिलाडियों को प्रशिक्षण देने वाले संविदा पर काम करने वाले कोच अब दुगने उत्साह के साथ काम करेंगे। प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि होने से खिलाड़ियों की संख्या एवं प्रशिक्षण में अधिकाधिक बढ़ोत्तरी होगी और उत्तराखण्ड के खिलाड़ी खेलों के माध्यम से एक उज्ज्वल भविष्य की तैयारी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि खेलों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिस प्रकार उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है हमारी कोशिश है कि हम इसे खेलभूमि के रूप में विकसित करें। राज्य सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है।