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कहा- शिकायत की तो नौकरी खा जाऊंगा वॉलीबॉल कोच ने जिलाधिकारी को पत्र लिख लगाई न्याय की गुहार खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव से भी कर चुकी है शिकायत जौनपुर। प्रशिक्षकों की समस्याएं दूर करने की बजाय उत्तर प्रदेश के जिला खेल अधिकारी अब उन्हें ही धमकाने की जुर्रत करते देखे जा रहे हैं। मामला खेल मंत्री के गृह जनपद जौनपुर का है। महिला वॉलीबॉल प्रशिक्षक ने जिला क्रीड़ाधिकारी पर दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। इंदिरा गांधी स्टेडियम की एक कोच ने जिलाधिकारी को शुक्रवार को एक लिखित शिकायत की, जिसमें उन्होंने अपने कार्यस्थल पर अपने सीनियर द्वारा उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बीते एक वर्षों से उन्हें मानसिक रूप से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। महिला कोच ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। जानकारी के मुताबिक स्टेडियम की वॉलीबॉल महिला कोच पूजा यादव, जो वाराणसी की रहने वाली हैं। शुक्रवार को उन्होंने जिलाधिकारी को दिए पत्र में लिखा है कि उन्हें पिछले एक साल से उनके कार्यस्थल इंदिरा गांधी स्टेडियम पर उनके सीनियर जिला क्रीड़ा अधिकारी लगातार परेशान कर रहे हैं। जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो इसका परिणाम और उल्टा हुआ। उन्हें और भी ज्यादा परेशान किया जाने लगा। कोच ने कहा कि मुझे जो भी कार्य दिया जाता है, उसे मैं पूरी ईमानदारी के साथ करती आ रही हूं, उसके बाद भी मुझे किसी न किसी बात में फंसा दिया जाता है। गलती न होने के बावजूद भी दोषी सिद्ध किया जाता है। पिछले साल अगस्त महीने में पहले बाबू के द्वारा मुझे मारा गया, उसके बाद दोषी पाए जाने के बावजूद मुझसे ही जबरन माफी मंगवाई गई और बाबू की तरफ से लिखवाया गया। तब से लेकर अब तक लगातार मुझे परेशान किया जा रहा और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। जिला क्रीड़ा अधिकारी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक छोटे से मुद्दे को लेकर वह करीब 200-300 लोगों की भीड़ में मुझे मारने के लिए उठ गए। इस दौरान मेरे स्पोर्ट्स ऑफीसर डॉक्टर अतुल कुमार सिन्हा भी खड़े थे, लेकिन बीच-बचाव में नहीं आए। इसके बाद जब मैंने इसकी शिकायत पुलिस वालों से की और अपने घर वालों को बुलाया। साथ ही पूर्वांचल चौकी प्रभारी संतोष यादव को भी इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद बातचीत की गई और बाबू को अपनी गलती का अहसास हुआ। तो उन्होंने माफी भी मांगी। मैंने भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश की कि मैं चीजों को ठीक करूं और पुरानी चीजें खत्म कर नए तरीके से काम शुरू करुं, लेकिन इसके बाद फिर से मुझे मानसिक तौर पर परेशान किया जाने लगा, मेरे वेतन से पैसे काटने लगे, मेरे चरित्र पर सवाल उठाया जाने लगा और तरह-तरह की बातें बनाई जाने लगीं। महिला कोच ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि जिला क्रीड़ाधिकारी द्वारा धमकी दी जाती है कि तुम्हारी नौकरी खा जाऊंगा, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने सीडीओ से और खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री गिरीश यादव को भी अपनी इस प्रताड़ना के बारे में अवगत कराया था। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने अब जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। पूजा यादव ने कहा कि मैं जिलाधिकारी और खेल मंत्री से आग्रह करती हूं कि इसकी जांच कराई जाए और मेरे साथ न्याय किया जाए। अगर जांच में मैं कहीं भी गलत पाई गई, तो मैं उत्तर प्रदेश के खेल विभाग में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दूंगी। खिलाड़ियों ने बताया कि कोच मैडम का व्यवहार अच्छा बच्चों ने बताया कि कोच मैडम का व्यवहार उनके प्रति काफी अच्छा है और वह टाइम से आती हैं, साथ ही एक अच्छी बॉलीवॉल कोच भी हैं, लेकिन जिला क्रीड़ाधिकारी द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जाता है, उनका व्यहार मैडम के प्रति अच्छा नहीं है। इस मामले में अतुल कुमार सिन्हा, जिला क्रीड़ा अधिकारी का कहना है कि मैं किसी दूसरी बात को लेकर किसी को डांट रहा था, लेकिन उन्हें लगा कि उनको डाटा फटकारा जा रहा है। पिछली बार की घटना के बाद से मैं बातचीत कम कर दिया हूं। हालांकि मैं कल उन्हें और सभी कोच को मीटिंग के लिए बुलाया था। उन्होंने जो शिकायत की है अब उस पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। इस मामले में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव का कहना है कि जिलाधिकारी से निष्पक्ष जांच करवा कर जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोई गलती न हो सके।