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पैरालम्पिक में चांदी-से चमके मनीष नरवाल खेलपथ संवाद पेरिस। पेरिस पैरालम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों ने शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण समेत चार पदक अपने नाम किये। ‘वंडर गर्ल’ अवनि लेखरा पैरालम्पिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। उन्होंने टोक्यो के बाद पेरिस में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण जीता। इसी स्पर्धा में भारत की मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक पर निशाना साधा। भारत के पैरालम्पिक इतिहास में पहली बार दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं। टोक्यो पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता, फरीदाबाद के मनीष नरवाल ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच 1) स्पर्धा में रजत पदक जीता। वहीं, प्रीति पाल ने महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीतकर भारत को पैरालम्पिक की ट्रैक स्पर्धा में पहला एथलेटिक्स पदक दिलाया। भारत ने 1984 चरण से एथलेटिक्स में जो भी पदक जीते, वे सभी फील्ड स्पर्धा में हैं। जयपुर की रहने वालीं 22 वर्षीय निशानेबाज अवनि ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। पैरालम्पिक से पहले वह स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। उनकी पित्त की थैली की सर्जरी हुई, जिसकी वजह से उन्हें डेढ़ महीने ब्रेक लेना पड़ा था। सर्जरी की वजह से उनका काफी वजन भी कम हुआ, लेकिन तमाम कठिनाइयों का डटकर सामना करते हुए उन्होंने पेरिस में भारत का परचम लहराया। अवनि ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा, ‘यह बहुत करीबी फाइनल था। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के लिए बहुत कम अंतर था। लेकिन मैं नतीजों के बजाय अपने विचारों पर ध्यान लगा रही थी। मुझे खुशी है कि इस बार भी एरीना में बजने वाला पहला राष्ट्रगान भारत का था। मुझे अभी दो और स्पर्धाओं में हिस्सा लेना है, इसलिए मैं देश के लिए और पदक जीतने पर ध्यान लगाए हूं।’ ग्यारह वर्ष की उम्र में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं। वहीं, मुजफ्फरनगर के किसान की बेटी प्रीति पाल ने पैरालम्पिक के दूसरे दिन भारत का एथलेटिक्स पदक का खाता खोला। प्रीति ने कहा, ‘यह मेरा पहला पैरालम्पिक है और मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा कि मैंने पदक जीता है। मुझे फख्र महसूस हो रहा है कि मैंने पैरालम्पिक में भारत का पहला ट्रैक पदक जीता।’