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पहलवान विनेश की अपील खारिज, पीटी ऊषा स्तब्ध यह कैसा इंसाफः अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में अस्पष्ट नियमों से नुकसान खेलपथ संवाद पेरिस। ओलम्पिक फाइनल से पहले अयोग्य करार दिये जाने के खिलाफ भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील खेल पंचाट (सीएएस) के तदर्थ प्रभाग ने खारिज कर दी है। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने यह जानकारी दी। आईओए ने खिलाड़ियों के ‘मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तनाव’ को समझने में नाकाम ‘अमानवीय नियमों’ की आलोचना की। 29 वर्ष की विनेश को पिछले सप्ताह महिला 50 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले अयोग्य करार दिया गया था क्योंकि उनका वजन निर्धारित सीमा से सौ ग्राम अधिक था। एक बयान में आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कहा, ‘खेल पंचाट के एकमात्र पंच के फैसले से स्तब्ध और निराश हूं।’ इस फैसले के मायने हैं कि पेरिस ओलम्पिक में भारत के छह ही पदक होंगे जिसमें एक रजत और पांच कांस्य शामिल हैं। आईओए ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में अस्पष्ट नियमों और उनकी व्याख्याओं को लेकर कड़ी आलोचना की है। आईओए ने ऐसे नियमों की गहरी समीक्षा की जरूरत पर बल दिया है। गौर हो कि अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के प्रमुख थॉमस बाक ने कहा था कि नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के लिए ओलम्पिक का सफर बिना मेडल के खत्म हो गया। पेरिस में 50 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने उतरी इस धुरंधर ने फाइनल में जगह बनाई थी। गोल्ड मेडल हासिल करने के करीब पहुंची विनेश फोगाट को फाइनल मैच के दिन 100 ग्राम ओवरवेट होने की वजह से पेरिस ओलम्पिक से डिसक्वालीफाई कर दिया गया। उन्होंने इसे लेकर अपील की थी लेकिन कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने सुनवाई के बाद उनके संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल देने की मांग को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद उनका पहला रिएक्शन आया है। पेरिस ओलम्पिक में महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम भारवर्ग में खेलते हुए एक दिन में तीन मैच खेले और जीत दर्ज करते हुए फाइनल में जगह बनाई। पहले मुकाबले में भारतीय धुरंधर ने पूर्व ओलम्पिक गोल्ड विजेता नम्बर-1 रेसलर जापान की युवी सुसाकी को हराया। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच को मात दी। सेमीफाइनल में क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमान लोपेज को हराते हुए फाइनल में जगह बना इतिहास रचा। यह उपलब्धि हासिल करने वाली विनेश पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में विनेश फोगाट ने पेरिस ओलम्पिक से डिसक्वालीफाई करते हुए मेडल ना दिए जाने के फैसले को चुनौती दी थी। इसकी सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला का इंतजार पूरे भारत को था। 16 अगस्त को इसका फैसला सुनाए जाने की जानकारी दी गई थी लेकिन 14 तारीख की रात ही विनेश फोगाट को मेडल ना दिए जाने का फैसला सुनाया गया। विनेश ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक तस्वीर साझा की। पेरिस ओलम्पिक के दौरान मैच जीतने के बाद की इस तस्वीर के साथ उन्होंने बी पराग के गीत ‘जिंदगी सिद्दी कर देंदा’ को बैकग्राउंड में यूज किया। इसके बोल में है कि रब्बा जब मेरी बारी आई तो तू सोता ही रह गया। ना प्यार दिया और ना ही सुकून। इस गाने से विनेश फोगाट का दर्द साफ समझ आता है।