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चीन ने दी खेलों की महाशक्ति को जोरदार टक्कर एथलेटिक्स में यूएसए ने जीते 14 स्वर्ण सहित 34 पदक 100 से अधिक ऐसे देशों का खाता भी नहीं खुला खेलपथ संवाद पेरिस। पेरिस ओलम्पिक में संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) मेडल टैली में टॉप पर रहा। यूएसए ने प्रतियोगिता के अंतिम दिन ओलम्पिक में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी चीन को मामूली अंतर से पीछे छोड़ दिया। पेरिस ओलम्पिक के अंतिम इवेंट महिला बास्केटबॉल में संयुक्त राज्य अमेरिका ने मेजबान देश फ्रांस पर 67-66 की रोमांचक जीत हासिल की। इस जीत से बास्केटबॉल टीम ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसके साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका ने लगातार चौथे ओलम्पिक में पदक तालिका में शीर्ष पर रहने का अपना सिलसिला बरकरार रखा। पेरिस ओलम्पिक की मेडल टैली में संयुक्त राज्य अमेरिका 40 स्वर्ण, 44 रजत और 42 कांस्य सहित 126 पदकों के साथ टॉप पर रहा। चीन ने 40 गोल्ड मेडल के साथ, कुल मिलाकर 91 पदकों के साथ अपने ओलम्पिक अभियान को समाप्त किया। पूरे ओलम्पिक के दौरान अमेरिका और चीन जैसी दो खेल महाशक्तियों के बीच तेज प्रतिस्पर्धा देखी गई। चीन ने गोताखोरी और कलात्मक तैराकी जैसे पूल इवेंट में प्रभुत्व दिखाया और टेबल टेनिस व भारोत्तोलन भी उनकी पारम्परिक ताकत रहे। दूसरी ओर, अमेरिका ने ट्रैक और फील्ड में असाधारण प्रदर्शन किया और अकेले एथलेटिक्स में 14 स्वर्ण, 11 रजत और 9 कांस्य हासिल किए। संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्वीमिंग पूल में भी अपनी ताकत के साथ प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने आठ स्वर्ण सहित 28 पदक जीते। पेरिस ओलम्पिक में जापान 20 स्वर्ण सहित 45 पदकों के साथ पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रहा। ऑस्ट्रेलिया ने 18 स्वर्ण पदकों के साथ चौथा स्थान हासिल किया, जबकि मेजबान फ्रांस 16 स्वर्ण पदकों के साथ टॉप-5 में शामिल हो गया। ग्रेट ब्रिटेन 14 स्वर्ण पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा। भारत के प्रदर्शन की बात करें तो भारतीय दल एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज के साथ 71वें स्थान पर रहा। हालांकि, पहलवान विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 किलोग्राम कुश्ती फाइनल में अयोग्य घोषित करने के खिलाफ अपील की है, जिस पर फैसला आना बाकी है। पाकिस्तान रहा भारत से ऊपर इन ओलम्पिक खेलों में पाकिस्तान ने भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की और एथलेटिक्स में पहले व्यक्तिगत ओलम्पिक स्वर्ण पदक के साथ 62वें स्थान पर रहा। ध्यान देने की बात है कि, पाकिस्तान इस बार ओलम्पिक मेडल टेली में भारत से ऊपर रहा। पुरुषों के भाला फेंक फाइनल में अरशद नदीम की जीत पाकिस्तान के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। जबकि 100 से अधिक ऐसे देश भी रहे, जो पदकों का अपना खाता भी नहीं खोल पाए।