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टोक्यो के बाद पेरिस में भी भारतीय जांबाजों ने जीता कांस्य पदक हॉकी इंडिया के महासचिव ने दी पीआर श्रीजेश को बधाई खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पेरिस ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतकर भारतीय पुरुष हॉकी टीम शनिवार को स्वदेश लौट आई। दिल्ली एयरपोर्ट पर भारतीय खिलाड़ियों का ढोल-नगाड़ों से भव्य स्वागत हुआ। भारतीय खिलाड़ियों के इंतजार में फैंस सुबह से ही एयरपोर्ट के बाहर जमा हो गए थे। भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने वापसी के बाद दिल्ली एयरपोर्ट के बाहर जमकर जश्न मनाया। ढोल-नगाड़ों की थापों पर सब जमकर थिरके और पदक जीतने की खुशी मनाई। इस दौरान हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने पीआर श्रीजेश के समापन समारोह में ध्वजवाहक चुने जाने पर बात की। उन्होंने कहा, "वह (पीआर श्रीजेश) इसके हकदार थे (ओलम्पिक के समापन समारोह में ध्वजवाहक बनने के लिए)। अगर भारत सरकार और भारतीय ओलम्पिक समिति ने उन्हें यह अवसर दिया है, तो हॉकी इंडिया उनका शुक्रिया अदा करता है। यह एक शानदार जीत थी, लगातार दो पदक जीतना एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन, हमारा लक्ष्य फाइनल खेलना था, लेकिन रेफरी की गलती से अमित रोहिदास को बाहर बैठाने की वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा और इसलिए हम कांस्य पदक के साथ यहां हैं, अन्यथा पदक का रंग बदल दिया जाता।" भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलम्पिक 2021 में 41 साल का पदक का सूखा समाप्त किया था और मनप्रीत सिंह की अगुआई में कांस्य पदक जीता था। पेरिस में भारत ने अपने पदक को बरकरार रखा। भारत ने कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन को 2-1 से हरा दिया। इससे पहले सेमीफाइनल में भारत को जर्मनी के हाथों 3-2 से हार का सामना करना पड़ा था। भारत ने 1980 में मॉस्को ओलंपिक के बाद से इन खेलों में अब तक स्वर्ण नहीं जीता है। 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में हॉकी टीम ने जीते पदक ओलंपिक में जिस खेल में भारत को सबसे ज्यादा सफलता मिली है वो हॉकी ही है। भारत अब तक हॉकी में कुल 13 पदक जीत चुका है जिसमें आठ स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में पदक जीते हैं। इससे पहले 1968 और 1972 में ऐसा हुआ था।