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ओलम्पिक में दुनिया ने देखा अरशद और नीरज का दम लोग पटाखे जला रहे हैं, हम लड्डू बना रहे हैं खेलपथ संवाद नई दिल्ली। ‘गोल्ड जिसका है, वो भी हमारा ही लड़का है, ये बात सिर्फ एक मां ही कह सकती है। अद्भुत।’ शोएब अख्तर ने दो पंक्तियों में सरहद के आरपार के जज्बात बयां कर दिये जो चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम की मां द्वारा एक-दूसरे के बच्चे को अपना बच्चा कहे जाने के बाद उमड़े हैं। आमतौर पर भारत और पाकिस्तान की टक्कर खेल के किसी भी मैदान पर होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग जहर उगलते दिखते हैं लेकिन इस बार आलम अलग है। इसका श्रेय नीरज की मां सरोज देवी और अरशद की मां रजिया परवीन को भी जाता है। नदीम ने बृहस्पतिवार की रात 92.97 मीटर के रिकॉर्ड ओलम्पिक प्रयास से स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जबकि नीरज ने सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.45 मीटर के साथ रजत पदक जीता। नीरज लगातार दो ओलम्पिक व्यक्तिगत स्पर्धा का पदक जीतने वाले तीसरे और ट्रैक एवं फील्ड के पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। सरोज ने कहा, ‘हम रजत पदक से बहुत खुश हैं, जिसने स्वर्ण पदक जीता वह भी हमारा बच्चा है… सभी एथलीट हैं, सभी कड़ी मेहनत करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘नदीम भी अच्छा है, वह अच्छा खेलता है, नीरज और नदीम में कोई अंतर नहीं है।’ अरशद की मां रजिया परवीन ने कहा, ‘वे दोनों दोस्त नहीं बल्कि भाई हैं। मैं नीरज के लिये भी दुआ करूंगी कि उसे और कामयाबी मिले। नीरज भी हमारे बच्चे जैसा है। खेल में जीत-हार होती है लेकिन ये दोनों भाई हैं।’ सच भी है जब टोक्यो ओलम्पिक फाइनल के दौरान अरशद को भालों के आसपास देखा गया तो सोशल मीडिया पर उनकी ट्रोलिंग हुई थी कि वह नीरज के भाले से छेडछाड़ कर रहे हैं लेकिन उस समय नीरज ने उनका बचाव किया था। इसके अलावा अरशद ने नया भाला खरीदने के लिये लोगों से मदद मांगी तो नीरज ने भी मदद की पेशकश की थी। नीरज का ‘देशी खाने’ के प्रति लगाव जगजाहिर है और उनका परिवार दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता का उनके पसंदीदा व्यंजन ‘चूरमा’ के साथ स्वागत करने की योजना बना रहा है। सरोज ने कहा, ‘उसने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। हम उसका स्वागत ‘चूरमा’ से करेंगे जो उसका पसंदीदा है। मुझे खुशी है, लोग पटाखे जला रहे हैं, हम लड्डू बना रहे हैं।’