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टोक्यो के बाद पेरिस में भी बजा भारत का डंका खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पेरिस में गुरुवार को भारतीय हॉकी जांबाजों ने नायाब प्रदर्शन कर एक नई पटकथा लिखी। इसे लिखने वाली टीम के प्रेरणादायी खिलाड़ी और गोल पर डटे रहने वाले पीआर श्रीजेश हमेशा अपने साथियों के सामने बाहें फैलाकर खड़े हुए। मानो वह सभी 18 खिलाड़ियों को अपने आलिंगन में ले लेना चाहते हों। टीम ने उनका अभिवादन किया। उनकी जय-जयकार हुई। होना भी चाहिए श्रीजेश इसके हकदार भी हैं। श्रीजेश ऐसे रक्षक हैं जिनके बारे में पूर्व कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, ‘वह हमेशा टीम को बचाते हैं, जैसा कि उन्होंने आज किया।’ भारत ने रोमांचक मैच में स्पेन को 2-1 से हराकर हॉकी में लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीता। भारत ने 1972 के बाद पहली बार लगातार दूसरा ओलम्पिक हॉकी पदक जीता। कप्तान हरमनप्रीत सिंह कहते हैं, ‘हॉकी वापस आ गई।’ इसके बाद टोक्यो ओलम्पिक के जश्न को दोहराते हुए श्रीजेश गोल पोस्ट के ऊपर चढ़ गए। असल में यह श्रीजेश का आखिरी मैच था। जश्न के इस दौर में टीम के भावी कर्णधार कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने इस महान गोलकीपर को अपने कंधों पर उठा लिया। इस मुकाबले में स्पेन ने भारतीयों को आखिर तक कड़ी टक्कर दी। अंतिम 60 सेकेंड में चार पेनल्टी-कॉर्नर अर्जित किए, लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति दृढ़ रही। जैसा कि कोच क्रेग फुल्टन ने कहा, ‘टीम पूरी तरह तैयार थी। दबाव के सामने उसका हौसला नहीं टूटा।’ शुरुआत से ही अटैकिंग स्पेन ने अंतिम पांच मिनट में भारतीय क्षेत्र में लगातार हमले किए। हमारे खिलाड़ी थोड़े नर्वस थे। हरमनप्रीत, जो आमतौर पर शांत रहते हैं, ने अंतिम मिनट में भारतीय डेंजर एरिया में जोर्डी बोनास्ट्रे को मारा और एक और पेनल्टी कॉर्नर दिया। हालांकि, भारत ने गेंद रोक ली। फिर तो खिलाड़ी कूदने लगे। बतौर कोच 14 महीने से अधिक समय से क्रेग फुल्टन अक्सर विश्वास बनाने और रक्षा को मजबूत करने के बारे में बात करते रहे हैं। आज फुल्टन टीम के संघर्ष से खुश थे। ऐसा परिवार जिसमें पंजाब से केरल तक के सदस्य भावुक श्रीजेश ने कहा, 24 साल से यह मेरा घर था। यह एक परिवार था। इसी दौरान पंजाब के मुंडे ने केरल के युवक को देखा और कहा, ‘वह हमेशा हमारे साथ हैं।’ यह विदा लेने का सही समय है। हम खाली हाथ घर नहीं जा रहे। मैं लोगों की भावनाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन मेरा फैसला नहीं बदलेगा। श्रीजेश के संन्यास पर कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि श्रीजेश भाई की कमी खलेगी, मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं भाई। बहुत सम्मान।