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आपका सपना और मेरी हिम्मत सब टूट चुके विनेश फोगाट का कुश्ती को अलविदा खेलपथ संवाद नई दिल्ली। समय की विडम्बना कहें या कुछ और विनेश का कुश्ती करियर पूरी तरह से तबाह होता दिख रहा है। जिस दबंगता से विनेश ने ओलम्पिक कुश्ती के फाइनल में कदम रखा था उससे दुनिया के हर कुश्तीप्रेमी को विश्वास था कि वह गोल्ड जीतेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसे अधिक वजन के चलते न केवल फाइनल खेलने से रोका गया बल्कि मेडल से भी हाथ धोना पड़ा। संकट की इस घड़ी में बेशक देश उसके साथ है लेकिन वह खेलने की स्थिति में नहीं रही। भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने ओलम्पिक के फाइनल मुक़ाबले से पहले अयोग्य घोषित किए जाने के बाद कुश्ती को अलविदा कह दिया है। विनेश फोगाट ने मंगलवार को एक के बाद एक तीन मुक़ाबलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुश्ती के 50 किलो भारवर्ग के फ़ाइनल में जगह बनाई थी। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं। हालांकि, इसके चंद घंटों बाद ही मान्य वजन से अधिक भार होने के कारण विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश फोगाट ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी। विनेश ने एक ट्वीट में लिखा, "मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ़ करना। आपका सपना-मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024. आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। माफ़ी।" हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विनेश के एलान के बाद उन्हें सबके लिए चैम्पियन बताया है और कहा है कि विनेश का स्वागत एक मेडलिस्ट के तौर पर ही किया जाएगा। वहीं, अमेरिका के दिग्गज कुश्ती पहलवान जॉर्डन बॉरो विनेश फोगाट के समर्थन में उतरे हैं। उन्होंने मांग की है कि विनेश फोगाट को कम से कम सिल्वर मेडल दिया जाए। विनेश फोगाट ओलम्पिक फ़ाइनल नहीं खेल पाईं और वहां तक पहुंचने के बावजूद बिना मेडल लौटेंगी। हालांकि, देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई दिग्गजों ने विनेश के लिए अपना समर्थन जताया है। पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा है कि विनेश हारी नहीं बल्कि उन्हें हराया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, "विनेश आप हमारे लिए सदैव विजेता ही रहेंगी। आप भारत की बेटी के साथ-साथ भारत का अभिमान भी हो।" वहीं साक्षी मलिक ने ट्वीट किया, "विनेश तुम नहीं हारी। हर वो बेटी हारी है जिनके लिए तुम लड़ी और जीती। ये पूरे भारत देश की हार है। देश तुम्हारे साथ है। खिलाड़ी के तौर पर उनके संघर्ष और जज़्बे को सलाम।" बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक उन भारतीय पहलवानों में शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह अपने ऊपर लगे आरोपों को ख़ारिज करते रहे हैं। उस समय विनेश फोगाट भी खिलाड़ियों के आंदोलन का बड़ा चेहरा थीं और इन पहलवानों ने महीनों तक दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "इस सिस्टम से पक गई है ये लड़की, लड़ते-लड़ते थक गई है ये लड़की।" ओलम्पिक के गोल्ड मेडलिस्ट रहे अमेरिकी रेसलर जॉर्डन बॉरो भी विनेश के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की है और साथ ही ओलम्पिक के नियमों में बदलाव को भी ज़रूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि टूर्नामेंट में दोनों दिन वज़न किया जाता है। ऐसे में दूसरे दिन वज़न में एक किलो तक की छूट मिलनी चाहिए। वज़न करने के लिए सुबह साढ़े 8 बजे से साढ़े 10 बजे तक का समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेमीफ़ाइनल में जीतने के बाद दोनों ही फ़ाइनलिस्टों के मेडल पक्के होने चाहिए, भले ही वो दूसरे दिन वज़न के पैमाने पर खरे न उतरें। गोल्ड भले ही तय वज़न में रहने वाले खिलाड़ी को मिले लेकिन विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए। जश्न का माहौल ग़म में कैसे बदला? विनेश फोगाट ने मंगलवार को प्री क्वॉर्टर फाइनल में दुनिया की नम्बर एक खिलाड़ी, क्वॉर्टर फ़ाइनल में यूक्रेन की पहलवान और सेमीफ़ाइनल में क्यूबा की खिलाड़ी को हराकर फ़ाइनल में जगह बनाई थी। विनेश ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। इसके बाद पेरिस ओलम्पिक में विनेश फोगाट का 50 किलोग्राम भार वर्ग के इवेंट में कम से कम रजत पदक पक्का हो गया था। मगर विनेश का ये सपना चंद घंटों के भीतर ही टूट गया। उनके साथ-साथ करोड़ों भारतीयों के सपने भी धराशाई हो गए। अगर सब ठीक रहता तो विनेश ने बुधवार रात फ़ाइनल मुक़ाबला खेला होता और अगर वह ये जीततीं तो शायद भारत के ख़ाते में पेरिस ओलम्पिक का पहला गोल्ड मेडल भी जुड़ता। पेरिस में भारतीय दल के चीफ़ मेडिकल ऑफ़िसर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला ने विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए जाने पर कहा, "सेमीफ़ाइनल के बाद विनेश का वज़न मान्य भार से 2.7 किलोग्राम अधिक पाया गया। टीम और कोच ने आमतौर पर अपनायी जाने वाली प्रक्रिया को ही चालू किया, जिसमें पानी न पीना, खाना न खाना शामिल है।" "इसके लिए खिलाड़ी को काफ़ी पसीना भी बहाना पड़ता है, जिसमें बहुत सी एक्सरसाइज़, सॉना बाथ, स्टीम बाथ वगैरह शामिल है। लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए होता है। दुर्भाग्य से हमारे पास इतना समय नहीं था। हमारे पास सिर्फ़ 12 घंटे थे। इसलिए सारी रात पूरी टीम इस प्रक्रिया में जुटी रही ताकि विनेश का वज़न घटाया जा सके।" उन्होंने कहा, "हमने उनका वज़न घटाने की हरसम्भव कोशिश की। जब उन्हें पसीना आना बंद हुआ तो हमने बड़े कदम उठाए जैसे उनके बाल काटना। शायद हमें कुछ और घंटों की मोहलत मिलती तो हम ये 100 ग्राम वज़न भी घटा लेते लेकिन हमारे पास उतना समय नहीं था। अब जब वह अयोग्य घोषित हो गई हैं, तो सवाल ये है कि विनेश को रिहाइड्रेट करने के लिए कौन से कदम उठाए जाएं। फिलहाल वो मेडिकली और फिज़ीकली दोनों ही तरीके से सामान्य स्थिति में है। हमने एहतियातन उनके खून की जाँच करवाई है।" विनेश को जो फ़ाइनल मुक़ाबला लड़ना था वो हो चुका है और अमेरिका की सारा हिल्डब्रैंड ने गोल्ड मेडल जीत लिया है। उन्होंने 3-0 से ये फ़ाइट अपने नाम की वहीं, इस मुक़ाबले में चीन की फेंग ज़िकी और जापान की सुसाकी युई दोनों को ही ब्रॉन्ज़ मेडल दिया गया। विनेश ने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाए भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने शनिवार, 30 दिसम्बर, 2023 को अपने मेडल और खेल रत्न तथा अर्जुन पुरस्कार पीएमओ के सामने फुटपाथ पर छोड़ दिए थे। तब भारतीय कुश्ती महासंघ प्रकरण में सरकार की भूमिका के विरोध में उन्होंने अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाया था। विनेश ने ऐलान किया था कि वो भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने पुरस्कार लौटा देंगी और उन्होंने ऐसा ही किया था।