News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
36 साल बाद भी पदक जीतने का सपना पूरा नहीं हो सका खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पेरिस ओलम्पिक में भी भारतीय तीरंदाजों का मेडल जीतने का सपना पूरा नहीं हो सका। 36 साल से हमारे तीरंदाज इस वैश्विक खेल मंच पर तीर बरसा रहे हैं लेकिन पदक जीतना दूर की कौड़ी बना हुआ है। हम कह सकते हैं कि तीरंदाजी में भारत को दक्षिण कोरिया के समकक्ष बनने के लिए अभी भी बहुत कुछ करना शेष है। भारत की अनुभवी खिलाड़ी दीपिका कुमारी को शनिवार को दो बार बढ़त बनाने के बावजूद पेरिस खेलों की तीरंदाजी की महिला एकल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया की नैम सुहियोन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा जबकि युवा भजन कौर भी प्री क्वार्टर फाइनल में हार गईं जिससे ओलम्पिक में तीरंदाजी पदक का भारत का 36 साल का इंतजार जारी रहा। पेरिस ओलम्पिक में तीरंदाजों का सबसे बेहतर प्रदर्शन धीरज-अंकिता की जोड़ी से आया, जो मिक्स्ड टीम इवेंट के सेमीफाइनल तक पहुंचे। दीपिका ने इससे पहले प्री क्वार्टर फाइनल में जर्मनी की सातवीं वरीय मिशेल क्रोपेन को 6-4 (27-24, 27-27, 26-25, 27-27) से शिकस्त दी। भजन को हालांकि प्री क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की डायनंदा चोइरुनिसा के खिलाफ शूट ऑफ में 8-9 से हार का सामना करना पड़ा। पांच सेट के बाद मुकाबला 5-5 से बराबर था। इंडोनेशिया की खिलाड़ी ने शूट ऑफ में नौ अंक जुटाए जबकि भजन आठ अंक पर ही निशाना साध सकी और चोइरुनिसा ने मुकाबला 6-5 से जीत लिया वहीं उनसे पहले महिलाओं की एकल स्पर्धा में अंकिता भकत पहले दौर में हारकर बाहर हुई थीं। क्वार्टर फाइनल में दीपिका ने पहला सेट 28-26 से आसानी से जीता. सुहियोन ने 10 अंक के साथ शुरुआत की लेकिन फिर दो निशाने आठ अंक पर लगाए. दीपिका ने दो नौ और एक 10 अंक के साथ सेट जीता। दीपिका ने दूसरा सेट 25-28 से गंवाया. सुहियोन ने वापसी करते हुए दो बार नौ और एक 10 अंक जुटाया जबकि दीपिका ने 10, छह और नौ अंक के साथ सेट गंवा दिया और मुकाबला 2-2 से बराबर हो गया। दीपिका ने तीसरे सेट में वापसी करते हुए 29-28 से जीत दर्ज की. दोनों तीरंदाजों ने 10 अंक के साथ शुरुआत की और फिर नौ-नौ अंक जुटाए. अंतिम प्रयास में सुहियोन के नौ के मुकाबले 10 अंक के साथ दीपिका ने फिर 4-2 की बढ़त बना ली. दीपिका ने चौथा सेट एक खराब निशाने के कारण 27-29 से गंवा दिया. इस बार भी दोनों तीरंदाजों ने 10 अंक के साथ शुरुआत की लेकिन फिर दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी के नौ अंक के मुकाबले दीपिका सात अंक ही जुटा सकी. सुहियोन ने 10 अंक के साथ मुकाबला 4-4 से बराबर किया. पांचवें और निर्णायक सेट में भी कोरिया की निशानेबाज ने 10 अंक से शुरुआत की जिसके जवाब में दीपिका नौ अंक ही बना सकी. दूसरे प्रयास में सुहियोन और दीपिका दोनों ने नौ अंक जुटाए. कोरिया की निशानेबाज ने तीसरे प्रयास में 10 अंक के साथ सेट और मैच में जीत सुनिश्चित की। अंकिता -धीरज की जोड़ी को सेमीफाइनल में मिली हार इससे पहले अंकिता-धीरज की जोड़ी को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, यह जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय जोड़ी बनी थी वहीं सेमीफाइनल मैच गंवाने के बाद भी इस जोड़ी के पास ब्रॉन्ज मेडल कंफर्म करने का मौका था, लेकिन टीम को निराशा हाथ लगी। धीरज-अंकिता की जोड़ी को सेमीफाइनल में किम वूजिन और लिम सिहियोन की दक्षिण कोरियाई जोड़ी के खिलाफ 2-6 (38-36, 35-38, 36-38, 38-39 ) से हार झेलनी पड़ी थी। वहीं ब्रॉन्ज मेडल मैच में भारत के धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत अमेरिका की कैसी कॉफहोल्ड और ब्रैडी एलिसन की जोड़ी ने 6- 2 से हार गए. अमेरिकी जोड़ी के खिलाफ उनकी शुरूआत अच्छी नहीं रही जिसमें उन्होंने पहले दो सेट गंवा दिये. भारतीय तीरंदाजों ने तीसरा सेट जीतकर वापसी की उम्मीद जगाई लेकिन कैसी और ब्रैडी की जोड़ी ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया और 38-37, 37-35, 34-38, 37-35 से कांस्य पदक जीत लिया. इससे पहले दीपिका, अंकित और भजन की जोड़ी महिला तिकड़ी को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. पुरुष तीरंदाजों ने भी किया निराश पुरुष तीरंदाजों ने भी इस ओलंपिक में निराश किया। धीरज, तरुणदीप राय और रमेश जाधव की जोड़ी मेंस टीम इवेंट में क्वार्टर फाइनल में तुर्किए की टीम से हारकर बाहर हुई थी. बात अगर एकल स्पर्धा की करें तो धीरज को प्री-क्वार्टर फाइनल में कनाडा के एरिक पीटर के खिलाफ शूटआउट में हार का सामना करना पड़ा था. जबकि तरुणदीप रॉय और रमेश जाधव पहले दौर में ही हारकर बाहर हुए थे।