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डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी के प्रयासों से शिवानी हुई स्वस्थ
मथुरा। लम्बे समय से रीढ़ और गले की हड्डी में गम्भीर परेशानी से जूझ रही पुष्प विहार कॉलोनी मथुरा निवासी शिवानी (23) को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में नई जिन्दगी मिली है। न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी ने ऑपरेशन द्वारा युवती की रीढ़ की हड्डी के गले भाग तथा गले से मवाद निकाल कर उसके चेहरे पर मुस्कान लौटाई है। ऑपरेशन के बाद शिवानी के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है तथा वह अब भोजन भी करने लगी है।
जानकारी के अनुसार पुष्प विहार कॉलोनी मथुरा निवासी शिवानी पत्नी तुषार लम्बे समय से रीढ़ और गले की हड्डी में गम्भीर परेशानी से जूझ रही थी। कुछ दिन पहले परिजन उसे मथुरा के ही एक निजी चिकित्सालय ले गए, जहां कुछ दिन उसका उपचार भी चला लेकिन चिकित्सक युवती की असली बीमारी का ही पता नहीं लगा सके। आखिरकार एक पखवाड़े पहले परिजन शिवानी को के.डी. हॉस्पिटल लाए। उस समय कमजोरी के चलते उसके शरीर के बाएं हिस्से के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी ने शिवानी के पुराने पर्चों को देखने के बाद उसकी एमआरआई कराई जिससे पता चला कि उसे हड्डी की टीबी है। उसके गर्दन में मवाद होने से हड्डी भी गल चुकी है तथा उसके मेरुदंड पर दबाव है। आखिरकार विशेषज्ञ न्यूरो सर्जनों ने ऑपरेशन की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद 21 जुलाई को डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी द्वारा युवती की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन किया गया। न्यूरो सर्जनों ने रीढ़ की हड्डी में से गले हुए भाग तथा गले की मवाद को बाहर निकालने में सफलता हासिल की। ऑपरेशन के बाद युवती पूरी तरह से स्वस्थ है। इस सर्जरी में डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी का सहयोग निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. जगत तथा टेक्नीशियन राजवीर सिंह और रोबिन ने किया।
इस ऑपरेशन पर न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह का कहना है कि युवती की रीढ़ की हड्डी में टीबी की बीमारी के चलते कुछ हिस्सा गल चुका था, जिसके कारण उसे गम्भीर समस्या से जूझना पड़ रहा था। मरीज का ऑपरेशन कर गले हुए भाग को निकाल कर दबी हुई नसों को फ्री करके अंदरूनी ब्रोन को फिक्स कर दिया गया है। डॉ. दीपक चौधरी का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के चलते मुश्किल से मुश्किल सर्जरी सम्भव हो पाती है। यहां स्पेशलाइज्ड स्पाइनल सर्जरी सेण्टर है, इसलिए अब तक जो भी ऑपरेशन हुए हैं, वे पूरी तरह से सफल रहे हैं। डॉ. चौधरी ने कहा कि हड्डी की टीबी को लाइलाज न मानते हुए जिन लोगों को भी हड्डी की टीबी की परेशानी हो, उन्हें बिना किसी झिझक और देरी किए ऑपरेशन करा लेना चाहिए। इससे जहां उनकी हड्डियों को गलने से बचाया जा सकता है वहीं उनके किसी अंग में कमजोरी भी महसूस नहीं होगी।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने शिवानी की सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मरीज के स्वस्थ-सुखद जीवन की कामना की है।