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सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले पुरुष भारतीय बने पहली बार बैडमिंटन सिंगल्स में मिल सकता है मेडल खेलपथ संवाद नई दिल्ली। शुक्रवार रात शटलर लक्ष्य सेन ने ओलम्पिक में ऐसा कारनामा कर दिखाया जोकि इससे पहले कोई पुरुष भारतीय शटलर नहीं कर सका था। पेरिस ओलम्पिक के सातवें दिन भारत के स्टार शटलर लक्ष्य सेन ने इतिहास रचते हुए पुरुष एकस के सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली है। इस तरह लक्ष्य सेन अब मेडल जीतने से सिर्फ एक मैच दूर हैं। सेमीफाइनल में वह अगर जीत हासिल करते हैं तो उनका मेडल पक्का हो जाएगा। सिर्फ इतना ही नहीं, लक्ष्य सेन ओलम्पिक के मेंस सिंगल्स बैडमिंटन के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले भारत के पहले खिलाड़ी भी बने हैं। क्वार्टर फाइनल में लक्ष्य सेन ने चीनी ताइपे के चोउ तियेन चेन से एक सेट हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए लगातार दो सेट जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले 22 साल के लक्ष्य सेन ने विश्व चैम्पियनशिप 2021 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। लक्ष्य के लिए यह क्वार्टर फाइनल मैच बिल्कुल भी आसान नहीं था। उन्होंने 2022 विश्व चैम्पियनशिप ब्रॉन्ज मेडल विजेता चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से हराया। लक्ष्य सेन चेन के खिलाफ पहले गेम में हार गए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी करते हुए चीनी ताइपे के खिलाड़ी के छक्के छुड़ा दिए। भारत के लिए ओलम्पिक में महिला सिंगल्स बैडमिंटन में साइना नेहवाल (2012) ब्रॉन्ज मेडल, पीवी सिंधू सिल्वर (2016) और ब्रॉन्ज (2020) जीत चुकी हैं। ऐसे में अब पहली बार कोई पुरुष खिलाड़ी सिंगल्स में मेडल जीतने के इतने करीब पहुंचा है। कॉमनवेल्थ गेम्स चैम्पियन लक्ष्य का सामना अब 2021 के विश्व चैम्पियन सिंगापुर के लोह कीन यू और ओलम्पिक चैम्पियन डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। भारत के लिए ओलम्पिक बैडमिंटन पुरुष एकल स्पर्धा में पारूपल्ली कश्यप 2012 लंदन ओलम्पिक में और किदाम्बी श्रीकांत 2016 रियो ओलम्पिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। ऐसे में लक्ष्य सेन कोशिश करेंगे कि वह वह भारत के लिए ओलम्पिक में मेडल जीतने वाले पहले पुरुष शटलर बनने का गौरव हासिल करें।