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हरमनप्रीत ने कहा- क्वार्टर फाइनल से पहले ऐसी जीत जरूरी थी खेलपथ संवाद पेरिस। पंजाब के खिलाड़ियों से सजी भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने शुक्रवार को पेरिस ओलम्पिक में कमाल कर दिया। भारतीय टीम ने ओलम्पिक में 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को हराकर जीत दर्ज की। टीम की ओर से कप्तान हरमनप्रीत ने दो गोल किए। एक गोल अभिषेक ने किया। पीआर श्रीजेश की अद्भुत गोलकीपिंग के कारण ऑस्ट्रेलिया दो गोल ही कर पाया। भारत ने ओलम्पिक में आखिरी बार आस्ट्रेलिया को 1972 म्यूनिख खेलों में हराया था। सिडनी ओलम्पिक 2000 में आस्ट्रेलिया से 2-2 से ग्रुप मैच ड्रॉ रहा था। पहली बार ओलम्पिक खेल रहे डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह और फॉरवर्ड अभिषेक ने आस्ट्रेलिया के रसूख से विचलित हुए बिना बेखौफ हॉकी खेली। इस मैच से पहले ओलम्पिक में भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 मैचों में से सिर्फ तीन (1960 रोम क्वार्टर फाइनल, 1964 टोक्यो सेमीफाइनल और 1972 म्युनिख ग्रुप मैच) मैच जीते थे, जबकि आस्ट्रेलिया ने छह जीते और दो ड्रॉ खेले थे। भारतीय टीम पूल चरण में 3 जीत, एक ड्रॉ और एक हार के साथ बेल्जियम के बाद दूसरे स्थान पर रही। क्वार्टर फाइनल में उसका सामना पूल ए की तीसरे नंबर की टीम से होगा। आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम ने शुरुआती 15 मिनट में 2-0 की बढ़त बना ली थी। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण मैच था। हमें क्वार्टर फाइनल से पहले ऐसी जीत की जरूरत थी। हमने शुरू ही से उन पर दबाव बनाये रखा। आस्ट्रेलिया को हराना गर्व का पल है। हमने क्वार्टर दर क्वार्टर रणनीति बनाई। हमेशा कहते हैं कि आस्ट्रेलिया बड़ी टीम है, लेकिन हम उस मानसिकता से उतरे ही नहीं। हमारे लिये यह बड़ी जीत है। अब आगे टीम को और चौकस होकर खेलना होगा और किसी गलती की गुंजाइश नहीं है।’