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लिंग जांच में अयोग्य मुक्केबाज इमाने खलीफ का सबको डर सवाल अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने क्यों दी अनुमति? खेलपथ संवाद पेरिस। अल्जीरिया की विवादास्पद मुक्केबाज इमाने खलीफ प्रतिद्वंद्वी इटली एंजेला कैरिनी के मुकाबले के महज 46 सेकेंड बाद हटने से पेरिस ओलम्पिक का पहले दौर का मुकाबला जीत गईं। खलीफ को 2023 विश्व चैम्पियनशिप में लिंग जांच में विफल होने के बाद जैविक रूप से पुरुष बताते हुए अयोग्य कर दिया गया था जिसके बाद से पेरिस में उनकी मौजूदगी चर्चा में बनी हुई है। कैरिनी ने नाक पर तगड़ा पंच पड़ने के बाद हाथ उठाकर मुकाबले से हटने का इशारा किया। ओलम्पिक जैसे मंच पर अमूमन कोई मुक्केबाज इस तरह नहीं हटता है। कैरिनी की नाक से हल्का खून भी निकला। एंजेला घुटनों के बल बैठ गई और खलीफ से हाथ मिलाने से भी मना कर दिया। बाद में कैरिनी ने कहा कि मुझे कभी इतना तगड़ा पंच नहीं लगा। बहुत दर्द हो रहा है, डर है कि कहीं नाक की हड्डी न टूट गई हो। हालांकि मैंने अभी जांच नहीं कराई है। इमाने खलीफ ने 2022 में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। उन्हें पिछले साल दिल्ली में हुई विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल से यह कहकर रोक दिया गया था कि उनके टेस्ट में पुरुष हार्मोन ज्यादा हैं। केवल इमाने ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने ताइवान की 28 साल लिन यू टिंग का भी इसी आधार पर पदक छीन लिया था। लिन भी पेरिस में 57 किलो भारवर्ग में खेल रही हैं। दरअसल अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने दोनों को यह कहकर मान्यता दी है कि वह पासपोर्ट में महिला के रूप में दर्ज हैं, इसलिए वह महिला मुक्केबाजी में खेलने के योग्य हैं।