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ऐतिहासिक: आजादी के बाद मनु बेटी ने जीते दो ओलम्पिक पदक खेलपथ संवाद शेटराउ। आत्मविश्वास से भरी मनु भाकर ने आजादी के बाद एक ही ओलम्पिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। हरियाणा की इस शूटर बेटी ने हरियाणा के ही सरबजोत सिंह के साथ पेरिस ओलम्पिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में दक्षिण कोरिया को हराकर कांस्य पदक जीता। गौर हो कि मनु भाकर हरियाणा के झज्जर और सरबजोत अम्बाला के मूल निवासी हैं। इससे पहले मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था। टोक्यो ओलम्पिक में मनु पिस्टल में खराबी आने के कारण फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी थीं, लेकिन यहां दो पदक जीतकर उन्होंने हर जख्म पर मरहम लगा दिया। इससे पहले ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलम्पिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे, लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की थी। सरबजोत 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत वर्ग में क्वालीफिकेशन में 577 के स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहे थे और फाइनल में जगह नहीं बना सके थे। मनु और सरबजोत ने क्वालीफिकेशन दौर में 580 स्कोर करके कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई थी। हरियाणा के अम्बाला के निशानेबाज सरबजोत पर व्यक्तिगत वर्ग में नाकाम रहने के बाद अच्छे प्रदर्शन का काफी दबाव था। भारत की शुरुआत खराब रही जब सरबजोत का पहला शॉट 8.6 रहा, लेकिन मनु ने 10.2 बनाया। कोरियाई जोड़ी ने कुल 20.5 स्कोर करके 2.0 की बढ़त बना ली। मिश्रित टीम वर्ग में पहले 16 अंक तक पहुंचने वाली टीम विजयी रहती है। पहला सेट हारने के बाद मनु ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए सिर्फ तीन बार 10 से कम स्कोर किया। इसके बाद से कोरियाई टीम के लिये वापसी करना मुश्किल हो गया था। मनु के पास एक और पदक का मौका : मनु को अभी 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भी उतरना है और उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है। उन्होंने 2023 विश्व चैम्पियनशिप और 2022 हांगझोउ एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। बाईस वर्ष की मनु नौ विश्व कप स्वर्ण पदक भी जीत चुकी है। वहीं सरबजोत भी विश्व चैम्पियनशिप, विश्व कप और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता हैं।