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भिवानी की मुक्केबाज बेटी सेना में है पदस्थ खेलपथ संवाद भिवानी। पेरिस ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली बॉक्सर जैस्मिन लम्बोरिया के समर्थकों व परिजनों को उम्मीद है कि वह इस बार पदक लेकर जरूर लौटेगी। सेना में पदस्थ जैस्मिन लम्बोरिया 57 किलोग्राम भार वर्ग में अपने मुक्के का दम दिखाएगी। जैस्मिन ने 2016 में 10वीं कक्षा में पढ़ते हुए परदादा व चाचा से प्रेरित होकर बॉक्सिंग खेलना शुरू किया था। घर में दो बॉक्सर चाचा होने के कारण जैस्मिन ने अभ्यास में मुश्किल नहीं झेली। 2001 में जन्मी जैस्मिन 57 किलोग्राम भार वर्ग में मुक्केबाजी में देश का प्रतिनिधित्व करेगी। जैस्मिन लम्बोरिया ने वर्ष 2021 में एशियन बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक, 2021 में इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक, 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक प्राप्त किया व 2023 में एशियन चैम्पियशिप में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। इसके अलावा जैस्मिन ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुकी है। जैस्मिन को ओलम्पिक में पदक प्राप्त करने के लिए कम से कम तीन मैच खेलने होंगे। अगर बाई मिलती है तो तीन नहीं तो चार मैच खेलने होंगे। जैस्मिन का पहला मैच 30 जुलाई को होगा। जैस्मिन के पिता जयवीर लम्बोरिया होमगार्ड हैं और मां जोगिंद्र कौर गृहिणी हैं। चाचा संदीप और परविंदर भी अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज हैं। जैस्मिन की बॉक्सिंग में छठी रैंकिंग है। 4 भाई-बहनों में जैस्मिन तीसरे नम्बर पर है, भाई सबसे छोटा है।