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लिम्बाराम से लेकर दीपिका कुमारी तक की कोशिश रही विफल खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पेरिस ओलम्पिक का काउंट डाउन शुरू हो चुका है और अन्य भारतीय खिलाड़ियों की तरह ही तीरंदाजों ने भी इसके लिए कमर कस ली है। दिलचस्प बात यह है कि भारत को कभी भी तीरंदाजी में ओलम्पिक पदक नहीं मिला है और तीरंदाजों की कोशिश रहेगी कि 26 जुलाई से शुरू हो रहे पेरिस ओलम्पिक में वह पदक का सूखा समाप्त करें। भारत ने पेरिस ओलम्पिक खेलों के लिए पुरुष और महिला मिलाकर छह तीरंदाजों की टीम चुनी है। ओलम्पिक पदक का सूखा खत्म करने के लिए भारतीय तीरंदाजों को इस बार आपसी जुड़ाव का विशेष मंत्र दिया गया है। तीरंदाज न सिर्फ साथ खा रहे हैं, बल्कि साथ में आना-जाना कर रहे हैं। उन पर किसी भी तरह की नकारात्मक बात करने की पूरी तरह से पाबंदी है। यही नहीं, फ्रांस रवानगी से पूर्व पुणे में तीरंदाजों को उसी अंदाज में तैयारी कराई गई, जिस तरह उन्हें पेरिस ओलम्पिक में तीरंदाजी करनी है। पुणे में 10 दिन तक टीम ने जिस तरह पेरिस में मुकाबले होने हैं, उसी तरह तैयारी की। उन्हें पोडियम पर तीरंदाजी कराई गई। दर्शकों का शोर, माइक पर आवाज, बड़ी स्क्रीन पर पिक्चर, इन सबके बीच तीरंदाजों ने 10 दिन तक तैयारी की है। भारत ने 1988 के सियोल ओलम्पिक में तीरंदाजी में पहली बार लिया हिस्सा। भारत ने तीरंदाजी में अब तक कोई पदक नहीं जीता है। 1992 के ओलम्पिक में लिम्बाराम पदक के काफी करीब पहुंच गए थे, लेकिन कांस्य पदक से चूक गए थे। तीरंदाजों को 24 बार साई ने विदेशी टूर्नामेंटों और तैयारियों के लिए भेजा, जिस पर 10.74 करोड़ का खर्च आया। साथ ही साढ़े छह करोड़ की लागत से 217 दिन के 41 बार राष्ट्रीय शिविर लगाए गए। दीपिका-तरुणदीप सबसे अनुभवी भारतीय तीरंदाजी दल में दीपिका कुमार और तरुणदीप राय सबसे अनुभवी हैं जो चौथी बार ओलम्पिक में हिस्सा लेंगे। दीपिका 2012 लंदन ओलम्पिक से लगातार इन खेलों में हिस्सा ले रही हैं, जबकि तरुणदीप ने 2004 एथेंस ओलम्पिक से डेब्यू किया था और फिर 2012 तथा टोक्यो 2020 में भी शामिल रहे थे। प्रवीण जाधव ने टोक्यो 2020 से डेब्यू किया था और यह उनका दूसरा ओलम्पिक होगा। पुरुष व्यक्तिगत वर्ग में कोटा हासिल करने वाले धीरज बोम्मादेवारा, महिला व्यक्तिगत वर्ग में कोटा हासिल करने वाली भजन कौर और अंकिता भकत ओलम्पिक में पदार्पण करेंगे। दीपिका कुमारी पदक की प्रबल दावेदार भारतीय तीरंदाजी टीम में दीपिका कुमारी पदक लाने की दावेदार हैं जिन्होंने करीब एक दशक से प्रभावित किया है। भारत की इस अनुभवी तीरंदाज ने विश्व चैम्पियनशिप, विश्व कप, एशियन चैम्पियनशिप, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता है। हालांकि, वह अब तक ओलम्पिक पदक नहीं जीत सकी हैं। दीपिका शीर्ष रैंकिंग के साथ लंदन ओलम्पिक में गई थीं, लेकिन प्रभावित करने में नाकाम रही थीं। रियो ओलम्पिक में भी उनका प्रदर्शन खास अच्छा नहीं रहा था और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था। टोक्यो ओलम्पिक में दीपिका का कैसा रहा था प्रदर्शन? दीपिका ने टोक्यो ओलम्पिक में भी विश्व की नम्बर एक तीरंदाज के तौर पर जगह बनाई थी और भारत की तरफ से एकमात्र महिला तीरंदाज थीं। उन्होंने महिला व्यक्तिगत रिकर्व और प्रवीण जाधव के साथ मिक्स्ड टीम इवेंट में हिस्सा लिया था। महिला वर्ग में दीपिका ने अपने पिछले दो ओलम्पिक से बेहतर प्रदर्शन किया था और वह पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंची थीं। हालांकि, उनका सफर अंतिम आठ में ही समाप्त हो गया था। वहीं, मिक्स्ड टीम इवेंट में भी वह क्वार्टर फाइनल की बाधा पार नहीं कर सकी थीं।