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पिता ने कर्ज लेकर शुरू कराया खेल, अब खेलेगी ओलम्पिक खेलपथ संवाद ऐलनाबाद। पेरिस ओलम्पिक बस शुरू ही होने वाले हैं। खेलों के इस महासंग्राम में ऐलनाबाद की होनहार तीरंदाज बेटी भजन कौर पदक पर निशाना साधेगी। भजन कौर भारतीय तीरंदाजी टीम के साथ पेरिस जा रही है। इस बार ओलम्पिक खेल पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने हैं। भजन रिकर्व स्पर्धा में भाग लेगी। बता दें कि तीरंदाजी में भजन कौर ने अंताल्या (तुर्की) में ओलम्पिक के लिए क्वालीफाइंग में महिलाओं की व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को ओलम्पिक में कोटा दिलाया है। भजन कौर ने तीरंदाजी में स्वर्ण और रजत पदक जीतकर माता-पिता के साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन किया है। हॉकी खिलाड़ी सविता पूनिया के बाद भजन कौर सिरसा जिले से दूसरी महिला हैं, जो ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। भजन तीरंदाजी में अपनी प्रतिभा दिखाएंगी। भजन कौर के पिता भगवान सिंह ने बताया कि भजन ने ओलम्पिक तक पहुंचने में कड़ी मेहनत की है। इस समय भजन कौर ऑल इंडिया कैंप पुणे में तीरंदाजी का अभ्यास कर रही हैं। भगवान सिंह ने बताया कि भजन कौर का तीरंदाजी के प्रति इतना समर्पण है कि घर आने में भी महीनों बीत जाते हैं। जब बेटी घर नहीं आ पाई तो उससे मिलने के लिए पुणे जा रहे हैं। पिता भगवान सिंह ने बताया कि जब भजन कौर आठवीं कक्षा में थी तो किसी सीनियर का धनुष-बाण स्कूल में रह गया था। इस दौरान स्कूल के एक शिक्षक ने उसे धनुष चलाने के लिए कहा। उसने बहुत अच्छे से तीरंदाजी की। इसे देखकर स्कूल के सभी शिक्षक प्रभावित हुए। यहीं से भजन का तीरंदाजी का सफर शुरू हो गया। पिता ने कर्ज लेकर शुरू कराया खेल भगवान सिंह ने बताया कि जब भजन कौर ने उनको बताया कि वह तीरंदाजी करना चाहती है, तो बहुत अच्छा लगा। घर की आर्थिक तंगी को देखते हुए टाल दिया, परंतु बेटी की जिद और जज्बा देखकर वह आढ़तिए से रकम लेकर पहली तीरंदाजी की किट 25 हजार रुपये में खरीदकर लाए। इससे कुछ काम चला। इसके बाद एक बार फिर से पैसे जुटाकर साढ़े तीन लाख रुपये की किट बेटी को लाकर उन्होंने दी। भजन कौर के पिता खेती-बाड़ी करते हैं। माता गृहिणी हैं। उनकी एक बहन और एक भाई भी है। छोटा भाई भी तीरंदाजी का प्रशिक्षण ले रहा है।