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पेरिस ओलम्पिक जा रहे खिलाड़ियों से ऑनलाइन बातचीत में दिखा अपनत्व खेलपथ संवाद नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का खिलाड़ियों से अपनत्व जगजाहिर है। वह प्रतियोगिताओं से पहले और उसके बाद न केवल खिलाड़ियों से मिलते हैं बल्कि भरोसा दिलाते हैं कि देश खिलाड़ियों के साथ है। प्रधानमंत्री की अंतरंगता ही कहेंगे कि खिलाड़ी अपने दिल की बात उनसे कह देता है। नीरज चोपड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि पेरिस ओलम्पिक के बाद वह उन्हें हरियाणा के देशी घी का चूरमा खिलाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पेरिस ओलम्पिक की तैयारियों में जुटे खिलाड़ियों से ऑनलाइन बातचीत की। ओलम्पियन और विश्व चैम्पियन भालाफेंक स्टार नीरज चोपड़ा से मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘चूरमा आया नहीं तेरा अभी तक।’ इस पर सकुचाते हुए नीरज ने कहा, ‘सर चूरमा लेकर आयेंगे इस बार। पिछली बार दिल्ली में चीनी वाला चूरमा था लेकिन आपको हरियाणा का देसी घी और गुड़ का चूरमा खिलायेंगे।’ प्रधानमंत्री ने इस पर कहा, ‘मुझे तो तेरी मां के हाथ का चूरमा खाना है।’ पिछली बार टोक्यो ओलम्पिक से लौटने के बाद खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए मोदी ने अपने आवास पर नीरज चोपड़ा को चूरमा और पीवी सिंधू को आइसक्रीम खिलाई थी। रियो ओलम्पिक में रजत और टोक्यो में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधू ने कहा, ‘इस बार काफी अनुभव के साथ जा रही हूं और बेहतर पदक लेकर लौटूंगी।’ स्विट्जरलैंड में अभ्यास कर रही पैदलचाल खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी से प्रधानमंत्री ने पूछा कि इस बार भी बालकृष्ण को लेकर जा रही हो ना। इस पर गोस्वामी ने कहा, ‘जी हां।’ गोस्वामी ने राष्ट्रमंडल खेलों में 10000 मीटर पैदल चाल में रजत पदक जीतने के बाद पदक लेते समय हाथ में लड्डू गोपाल की मूर्ति ले रखी थी और अपना पदक भी उन्हें समर्पित किया था। प्रियंका ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर मोदी को बधाई दी तो खिलाड़ियों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने नीरज चोपड़ा को स्वस्थ रहने और चोट से बचने के लिये शुभकामना दी। इससे पहले नीरज ने कहा, ‘इस साल बहुत कम टूर्नामेंट खेला हूं क्योंकि बीच में चोट लग गई थी।’ इस मौके पर पुरुष हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि हॉकी का इतिहास काफी गौरवमयी रहा है और कोशिश बहुत अच्छी चल रही है कि टोक्यो के बाद फिर पदक लेकर आयें। सुविधायें बहुत अच्छी मिल रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा, ‘सबसे ज्यादा दबाव हॉकी खिलाड़ियों पर रहता है क्योंकि देश का बच्चा बच्चा सोचता है कि यह हमारा खेल है और इसमें हम कैसे हार रहे हैं। इसमें मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है लेकिन हमें यकीं है कि आप जीतकर आयेंगे।’ पहली बार जाने वाली निशानेबाज रमिता जिंदल से उनके अनुभव के बारे में पूछा। यह भी पूछा कि उनकी ट्रेनिंग कहां हुई या परिवार में कोई और खेल से जुड़ा है या नहीं। पहलवान अंतिम पंघाल ने भी कहा कि वह कुश्ती में पदक जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। भारतीय दल की सबसे युवा सदस्य चौदह साल की तैराक धिनिधि देसिंघु ने भी प्रधानमंत्री से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का वादा किया। चौथी बार ओलम्पिक जा रही तीरंदाज दीपिका कुमारी से उन्होंने पूछा कि पहली बार ओलम्पिक खेलने वालों को क्या संदेश देंगी। मुक्केबाज निकहत जरीन ने कहा कि देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहती है। खेलो इंडिया से निकले खिलाड़ियों- निशानेबाज सिफत कौर और मनु भाकर ने भी अपने अनुभव साझा किये। प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से व्यक्तिगत व ऑनलाइन बातचीत में कहा, "आप अपनी तपस्या से इस स्थान तक पहुंचे हैं। खेल के मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाला देश के लिए गौरव लेकर आता है। मैं आपकी फिर से प्रतीक्षा करूंगा जब आप 11 अगस्त को ओलम्पिक समाप्त होने के बाद लौटेंगे। मैं प्रयास करूंगा कि 15 अगस्त को लाल किले पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में आप उपस्थित रहें ताकि देश आपको देख सके क्योंकि जीत-हार तो अलग लेकिन ओलम्पिक खेलना ही बहुत बड़ी बात है।" पीएम के साथ बातचीत में पुरुष हॉकी टीम, तीरंदाज दीपिका कुमारी, पहलवान अंतिम पंघाल, निशानेबाज मनु भाकर व 14 वर्ष की तैराक धिनिधि देसिंघू उपस्थित रहीं, जबकि ओलम्पिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा, शटलर पीवी सिंधू और मुक्केबाज निकहत जरीन समेत लगभग 90 खिलाड़ी ऑनलाइन सम्मिलित हुए। ओलम्पिक 2036 की मेजबानी की भारत की दावेदारी कामयाब रहने को लेकर आश्वस्त प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से इस दावे को मजबूत करने के लिए पेरिस में व्यवस्थाओं का अनुभव साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा साझा की जाने वाली जानकारी 2036 ओलम्पिक की मेजबानी का दावा मजबूत करने में काम आएगी।