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भारत के दस पदकों में से सात पदक हरियाणा की छोरियों के नाम दिल्ली की निकिता और उत्तर प्रदेश की पुष्पा यादव ने जीते गोल्ड खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पहलवानी पुरुषों की हो या फिर महिलाओं की हरियाणा की उपलब्धि के आसपास भी कोई नहीं फटकता। हाल ही में हुई एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में भारतीय बेटियों ने ओवरऑल ट्राफी पर कब्जा जमाकर देश को गौरवान्वित किया। इस उपलब्धि में भी हरियाणा की छोरियों का जलवा रहा। भारत के 10 पदकों में सात पदक तो हरियाणवी बेटियों के ही नाम रहे। जॉर्डन के अम्मान में 22 से 30 जून तक आयोजित एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप अंडर-23 में भारतीय महिला दल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 गोल्ड और 4 सिल्वर मेडल जीतकर ओवरऑल ट्राॅफी अपने नाम की। कुल दस पदकों में से 4 गोल्ड समेत सात मेडल हरियाणा की बेटियों ने जीते हैं। भारतीय दल के साथ गईं टीम की मुख्य प्रशिक्षक मंजीत रानी ने बताया कि वह बेहद खुश हैं। टीम की सभी पहलवानों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। जिसकी बदौलत टीम ने 230 अंक के साथ ओवरऑल ट्रॉफी जीती। वहीं कजाकिस्तान की टीम ने 154 अंक प्राप्त कर दूसरा स्थान और किर्गिस्तान ने 147 अंक लेकर तीसरा स्थान हासिल किया। भारतीय महिला कुश्ती टीम को चैम्पियन बनाने में मुख्य प्रशिक्षक व सोनीपत के गांव जुआं की बहू मंजीत रानी की अहम भूमिका रही। अपने समय की बेहतरीन पहलवान मंजीत ने वर्ष 2009 में एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व भी किया। तीन बार की राष्ट्रीय पदक विजेता मंजीत वर्ष 2012 से साईं केंद्र में प्रशिक्षक बतौर सेवारत हैं। वह पहली बार टीम के साथ बतौर मुख्य प्रशिक्षक जॉर्डन गईं। इन्होंने जीते गोल्ड मेडल : मीनाक्षी (50 किलोग्राम, जींद), रीना (57 किलोग्राम, हिसार), अंतिम (65 किलोग्राम, रोहतक), प्रिया (76 किलोग्राम, जींद), पुष्पा यादव (59 किलोग्राम, उत्तर प्रदेश) और निकिता (62 किलोग्राम, दिल्ली)। ये बनीं रजत पदक विजेता: तमन्ना (53 किलोग्राम, रोहतक), सीतो (55 किलोग्राम, रोहतक), प्रियंका (68 किलोग्राम, रोहतक) और अमृता (65 किलोग्राम, महाराष्ट्र)।