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कैंट क्षेत्र के रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम गोरखपुर में खेलभावना तार-तार दो खेलों के प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों में हुआ था विवाद खेलपथ संवाद गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर के रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में बुधवार शाम यातायात उप निरीक्षक, उसके बेटे और उसके संगी-साथियों ने जिस तरह की गुंडई दिखाई उससे जहां खेलभावना तार-तार हो गई वहीं इस क्रीड़ांगन के जवाबदेह अधिकारियों पर तरस आता है कि प्रशिक्षक और खिलाड़ी पिटते रहे और उन्हें बचाने कोई नहीं आया। जो भी हो इस मामले की गहन जांच होना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे प्रशिक्षक और खिलाड़ियों में काफी डर है। गोरखपुर के रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में बुधवार की शाम वर्दी में यातायात उप निरीक्षक ने पॉवरलिफ्टिंग प्रशिक्षक प्रवीण कुमार उर्फ राजू से मारपीट की। मारपीट का वीडियो इंटरनेट मीडिया में जैसे ही वायरल हुआ जितने मुंह उतनी बातें होने लगीं। जांच के नाम पर कैंट पुलिस दोनों पक्षों को थाने उठा लाई। पॉवरलिफ्टिंग और वेटलिफ्टिंग के दोनों प्रशिक्षकों की तहरीर पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है। वायरल हुए वीडियो में यातायात उप निरीक्षक की पहचान राकेश कुमार के रूप में हुई है। उनका बेटा वेटलिफ्टिंग का खिलाड़ी है। आरोप है कि शाम को वह स्टेडियम में अभ्यास करने पहुंचा था। इस दौरान पॉवरलिफ्टिंग और वेटलिफ्टिंग के खिलाड़ी व कोच आपस में भिड़ गये। बेटे के बुलाने पर यातायात उप निरीक्षक वहां पहुंच गया और मारपीट शुरू हो गई। प्रसारित वीडियो में यातायात उप निरीक्षक पॉवरलिफ्टिंग कोच प्रवीण कुमार के सिर और पैर पर डंडा चलाते हुए दिख रहा है। मारपीट को देख वहां मौजूद खिलाड़ियों में भगदड़ मच गई। सूत्रों का कहना है कि रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में घुसकर ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने बुधवार की शाम एक कोच को डंडों से बुरी तरह से पीट दिया। बीच-बचाव करने आए खिलाड़ियों पर भी उसने रहम नहीं खाई। उन पर भी उसने और उसके साथियों ने डंडे बरसाए। इस मामले में सीओ कैंट अंशिका वर्मा का कहना है कि इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो की पहचान कर ली गई है। तहरीर मिलने के बाद दोनों कोच दिलीप और प्रवीण कुमार को चिकित्सकीय जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यातायात उप निरीक्षक के विरुद्ध भी कार्रवाई सुनिश्चित होगी।