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विश्व रक्तदान दिवस पर के.डी. हॉस्पिटल में रक्तदाताओं ने किया रक्तदान
मथुरा। मानवीय जीवन में रक्तदान दुनिया का सबसे बड़ा दान है। हम सभी रक्तदान की मदद से हर किसी के जीवन की रक्षा कर सकते हैं। रक्तदान से कभी कोई गम्भीर बीमारी नहीं होती लिहाजा हर स्वस्थ व्यक्ति को न केवल रक्तदान करना चाहिए बल्कि दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। यह बातें के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में शुक्रवार को विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर विभागाध्यक्ष पैथालॉजी एण्ड ब्लड बैंक डॉ. प्रणीता सिंह ने रक्तदाताओं को बताईं।
डॉ. प्रणीता सिंह ने कहा कि जीवन अनमोल है। इसका कोई मोल नहीं होता लिहाजा दूसरों का जीवन बचाने के लिए हम सभी को जीवन में रक्तदान करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हमें समाज को स्वस्थ रखना है तो आबादी की दृष्टि से कम से कम एक फीसदी यूनिट रक्त ब्लड बैंकों में हमेशा उपलब्ध होना चाहिए। यदि ब्लड बैंकों में रक्त होगा तो किसी गम्भीर बीमारी या आपातकालीन स्वास्थ्य स्थिति में समय से रक्त की कमी को पूरा करते हुए जीवन बचाया जा सकता है।
डॉ. संगीता चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि रक्त की कमी वालों के लिए इसकी पूर्ति जीवन दान जैसी है। रक्तदान को लेकर प्रदेश सरकार जहां लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करती रहती है वहीं देश और प्रदेश की सामाजिक संस्थाएं भी इस पुण्य कार्य में अहम भूमिका अदा कर रही हैं बावजूद अभी इस दिशा में बहुत कुछ करना जरूरी है। उन्होंने रक्तदान के प्रति लोगों की भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि हमारे शरीर में प्रत्येक तीन महीने में नए ब्लड का निर्माण होता है लिहाजा हम हर तीन महीने बाद रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान से शरीर में कोई कमी नहीं आती। उन्होंने कहा कि रक्त की एक-एक बूंद की कीमत होती है। इसका अहसास हमें तब होता है जब आपात स्थिति में इसकी आवश्यकता होती है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में रक्तदान को जीवन दान बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति को एक-दूसरे के सहयोग के लिए तत्पर रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने वाले दूसरे को जिन्दगी देने जैसा पुण्य काम करते हैं। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि रक्त किसी फैक्ट्री में नहीं बनता, इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को रक्तदान जैसे जीवन रक्षक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। श्री अग्रवाल ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक का कोई भी युवा रक्तदान कर किसी दूसरे का जीवन बचा सकता है। उन्होंने रक्तदान के प्रति आस-पास के लोगों को भी जागरूक करने का आह्वान किया।
के.डी. हॉस्पिटल के ब्लड बैंक सुपरवाइजर एच.एस. शेखावत ने सबसे पहले रक्तदान किया उसके बाद प्रशासनिक अधिकारी अमित शर्मा, लेखाधिकारी लव अग्रवाल, प्रियाकांत यादव, शक्ति सिंह, नीरज कुमार, अखिलेश शुक्ला, दीपक शर्मा आदि ने उत्साहपूर्वक रक्तदान कर लोगों के जीवन रक्षा का एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। रक्तदान शिविर में टेक्नीशियन वीरेश कुमार, अजय शर्मा, पंकज जोशी, रवीन्द्र सिंह तथा नर्सिंग स्टाफ से सुषमा ने रक्तदाताओं का सहयोग किया।