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सीबीआई ने जुलाई 2022 में एफआईआर दर्ज की थी, कोई सुबूत नहीं मिले खेलपथ संवाद नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने करीब दो साल की जांच के बाद भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा और हॉकी इंडिया के कार्यकारी निदेशक कमांडर आर.के. श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला बंद कर दिया है क्योंकि उसे किसी तरह के सबूत नहीं मिले। सीबीआई अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सीबीआई ने जुलाई 2022 के मामले में एक एफआईआर दर्ज की थी जब उसकी तीन महीने लम्बी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया बत्रा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और भ्रष्टाचार से संबंधित संज्ञेय अपराध का संकेत देने वाली सामग्री पाई गई थी। हॉकी इंडिया के कार्यकारी निदेशक आर.के. श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष राजिंदर सिंह और पूर्व महासचिव मोहम्मद मुश्ताक अहमद सहित कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में बत्रा ने ‘क्लोजर रिपोर्ट’ (मामला बंद करने की रिपोर्ट) पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें घटनाक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बार-बार कोशिशों के बावजूद भी सीबीआई ने मामले को बंद करने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अधिकारियों ने कहा कि दो साल से अधिक की जांच के बाद सीबीआई को बत्रा, राजिंदर, अहमद और श्रीवास्तव के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिल सके। सीबीआई ने अब यहां एक विशेष अदालत के समक्ष इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। अदालत तय करेगी कि रिपोर्ट को स्वीकार कर मामले को बंद कर दिया जाए या एजेंसी को आगे की जांच करने का निर्देश दिया जाए।