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खेल पारिस्थितिकी तंत्र के हिस्सेदारों से किया अनुरोध खेलपथ संवाद नई दिल्ली। ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बृहस्पतिवार को खेल पारिस्थितिकी तंत्र के हिस्सेदारों से अनुरोध किया कि वे खिलाड़ियों से पदक जीतने वाले रोबोट की तरह नहीं बल्कि इंसान की तरह ही बर्ताव करें। भारतीय खिलाड़ियों की ओलम्पिक, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों सभी बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हालिया सफलता से सिर्फ खिलाड़ियों के दर्जे में ही इजाफा नहीं हुआ है बल्कि इससे उनसे लगी उम्मीदों का बोझ भी बढ़ा है। बीजिंग 2008 ओलम्पिक खेलों में 10 मीटर एयर राइफल के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है जो केवल खिलाड़ियों के लिए नहीं बल्कि कोचों के लिए भी जरूरी है तथा खेल मनोवैज्ञानिकों को उनके साथ काफी संयम बरतना चाहिए। बिंद्रा ने यहां कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में खेल मनोवैज्ञानिकों के साथ वर्चुअल बातचीत में कहा, ‘‘सबसे अहम चीज है कि खिलाड़ियों से इंसान की तरह व्यवहार करना और उन्हें पदक जीतने वाले रोबोट की तरह तैयार करने का काम नहीं करना।’’ उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों के साथ भरोसा और रिश्ता बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। खिलाड़ियों के साथ लगातार मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए खेल मनोवैज्ञानिक को धैर्य बरतना चाहिए।’’ बिंद्रा ने खेल मनोवैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि वे खिलाड़ियों, विशेषकर निशानेबाजों का टोक्यो में उनके पिछले ओलम्पिक के प्रदर्शन के आधार पर आकलन नहीं करें बल्कि वे मौजूदा समय किस स्थान पर हैं, इसके आधार पर उन्हें देखना चाहिए।