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ओलम्पिक कोटा के लिए नए सिरे से करना होगा संघर्ष आखिरी ओलम्पिक क्वालीफायर 24 मई से बैंकॉक में है खेलपथ संवाद नई दिल्ली। विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज परवीन हुड्डा के विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) द्वारा निलम्बित किये जाने के बाद भारत की पेरिस ओलम्पिक कोटा हासिल करने की उम्मीदों को झटका लगा है। अब देश को महिलाओं के 57 किलोग्राम वजन वर्ग में फिर क्वालीफाई करने की कोशिश करनी होगी। दरअसल, परवीन से पिछले 12 महीने में तीन बार उनका ठिकाना (वेयरअबाउट) पूछा गया, लेकिन उन्होंने नहीं बताया। जिसके बाद वाडा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की। पिछले साल एशियाई खेलों में ओलम्पिक कोटा हासिल करने वाली परवीन ने अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच अपने ठिकाने की जानकारी नहीं दी थी, जबकि वाडा नियमों के तहत यह जानकारी देना अनिवार्य है । यही वजह है उन पर 22 महीने का निलंबन लगाया गया है। इस संबंध में भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने कहा, "परवीन हुड्डा को ठिकाने की जानकारी नहीं देने के कारण अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी (आईटीए) द्वारा 22 महीने के लिए निलंबित किया गया है।" हालांकि संबंधित एजेंसियों के साथ चर्चा के बाद, परवीन की सजा कम कर दी गई है। जानकारी के अनुसार, अब उन्हें शुक्रवार से 14 महीने का निलंबन झेलना होगा। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने कहा, "कई चर्चाओं के बाद आईटीए ने परवीन पर एक प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है जिसमें 22 महीने की अयोग्यता अवधि लागू करना शामिल है। इसे अब छह महीने पीछे की तारीख में कर दिया गया है। अब यह प्रतिबंध 17 मई 2024 से शुरू होकर 14 महीने का होगा।" इसका अर्थ है कि परवीन इस साल जुलाई-अगस्त में होने वाले पेरिस खेलों में भाग नहीं ले पाएंगी। आखिरी ओलम्पिक क्वालीफायर 24 मई से बैंकॉक में है। इससे भारत के पास महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग में क्वालीफाई करने का एक और मौका होगा। लेकिन देश सिर्फ उन्हीं रिजर्व खिलाड़ियों को उतार सकता है जो 11 अप्रैल तक पंजीकृत हुई थीं। बीएफआई ने आगे कहा, "इसका मतलब है कि केवल 60 किग्रा और 66 किग्रा वर्ग में रिजर्व के तौर पर शामिल हुई दो मुक्केबाज ही बैंकॉक में भाग लेने के लिए योग्य होगीं।"