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भारतीय कुश्ती महासंघ ने माना अब समय बहुत कम बचा पहलवानों का कहना- वजन कम करें या ओलम्पिक तैयारी करें खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पेरिस ओलम्पिक का कोटा हासिल करने वाले पहलवानों की मांग के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ अब ओलम्पिक के ट्रायल कराने के पक्ष में नहीं है। ओलम्पिक के लिए काफी कम समय को ध्यान में रखते हुए ट्रायल को टालने का मन बनाया गया है, कुश्ती महासंघ जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकता है। महासंघ की चयन नीति के अनुसार ओलम्पिक कोटा हासिल करने वाले पहलवानों को पेरिस जाने के लिए ट्रायल से गुजरना होगा। ट्रायल के विजेता पहलवानों को ही पेरिस भेजा जाना था, लेकिन ट्रायल के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है। महासंघ के एक पदाधिकारी के अनुसार पहले उन्हें ट्रायल कराना था, लेकिन ट्रायल कराने का यह सही समय नहीं है। हमारे वैसे ही काफी कम पहलवान ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किए हैं। अगर ट्रायल कराया जाता है तो पहलवानों को वजन कम करना पड़ेगा, जिसका तैयारियों पर विपरीत असर पड़ेगा। ट्रायल के बजाय पहलवानों की विदेश में तैयारियां ठीक रहेंगी। विश्व क्वालीफायर में ओलम्पिक कोटा हासिल करने वाले एकमात्र पहलवान अमन का कहना है कि वह इस वक्त ओलम्पिक की तैयारियां करें या फिर ट्रायल के लिए वजन कम करें। वह कई बार अपना वजन कम कर चुके हैं अब ट्रायल के लिए वजन कम करना उन्हें नुकसान पहुंचाएगा। ट्रायल कराने से ओलम्पिक की तैयारियों पर फर्क पड़ेगा। एक महिला पहलवान ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि जिन्होंने कोटा हासिल किया है उन्हीं को ओलम्पिक में भेजा जाना चाहिए। कोटा हासिल करने वाले पहलवान जाएंगे हंगरी महासंघ ने ओलम्पिक की तैयारियों के लिए कोटा हासिल करने वाले एकमात्र पुरुष पहलवान अमन सहरावत (57 किलोग्राम) और पांच महिला पहलवानों विनेश (50 किलोग्राम), अंतिम पंघाल (53 किलोग्राम), अंशु मलिक (57 किलोग्राम), निशा (68 किलोग्राम) और रीतिका हुड्डा (76 किलोग्राम) को अगले माह हंगरी में होने वाले रैंकिंग टूर्नामेंट में भेजने का फैसला लिया है। इसके बाद अमन को तैयारियों के लिए अमेरिका और महिला पहलवानों को जापान भेजे जाने की तैयारी है। ट्रायल नहीं होने की स्थिति में टोक्यो ओलम्पिक में रजत पजक जीतने वाले रवि कुमार की उम्मीदें समाप्त हो जाएंगी।