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न्यायालय ने चुनाव याचिका में देरी करने पर लिया निर्णय खेलपथ संवाद नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में लम्बित एक चुनाव याचिका में स्थगन का अनुरोध करने को लेकर शुक्रवार को ‘ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन’ (एआईएफएफ) के प्रमुख कल्याण चौबे को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया और कहा कि वह ‘‘देर करने की तरकीब’’ अपना रहे हैं। शीर्ष अदालत का आदेश एक याचिका पर आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कल्याण चौबे उत्तर कोलकाता के मानिकतला विधानसभा क्षेत्र से संबंधित चुनाव याचिका में जान-बूझकर देर कर रहे हैं। यह सीट तृणमूल कांग्रेस विधायक साधन पांडे का 2022 में निधन हो जाने के कारण रिक्त हुई थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कल्याण चौबे के ‘‘देर करने की तरकीब’’ अपनाने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यहां तक कि उनके वकीलों की भी सांठगांठ है। कारण बताओ नोटिस में, पीठ ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उन्हें एआईएफफ प्रमुख और इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए, ताकि वह इस मामले पर पूरा ध्यान दे सकें। पीठ ने कहा, ‘‘हम इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रतिवादी संख्या 3 (चौबे) देर करने की हरसंभव तरकीब अपना रहे हैं। उनके वकीलों की भी इसमें मिलीभगत है और वे किसी न किसी बहाने स्थगन का अनुरोध चाहते हैं…इसलिए हम प्रतिवादी संख्या 3 को कारण बताओ नोटिस जारी करते हैं ताकि चुनाव याचिका पर प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई की जा सके।’’ शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘प्रतिवादी संख्या 3 बताएं कि उन्हें ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन के प्रमुख और इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन के संयुक्त सचिव पद की जिम्मेदारियों से क्यों नहीं मुक्त कर देना चाहिए। इससे, प्रतिवादी संख्या 3 चुनाव याचिका की कार्यवाही पर पूरा समय दे सकेंगे।’’ इसने कहा कि पीठ यह स्पष्ट करती है कि यदि वह पेश नहीं होते हैं तो ‘‘हम गैर जमानती वारंट जारी करेंगे क्योंकि वह जान-बूझकर अदालत के आदेश की अवज्ञा कर रहे हैं।’’